मसूरी – 2 सितम्बर शहीद दिवस

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नरेश नौटियाल की रिपोर्ट; 02.09.2020

मसूरी: उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन में मसूरी गोली कांड की 26वीं बरसी पर शहीद स्थल पर शहीदों को श्रधांजलि देने के लिए सभी राजनैतिक और गैर राजनैतिक दल मसूरी के शहीद स्थल पहुंचे, जंहा उन्होंने शहीदों को श्रधासुमन अर्पित किये।

पहाड़ों की रानी मसूरी में दो सितंबर 1994 को हुए गोलीकांड को कभी नही भूल पाएंगे जिसमें पुलिस की गोली से 6 राज्य आंदोलनकारी शहीद हो गए थे। राज्य आंदोलनकारी कहते हैं कि जिन मुददों को लेकर लड़ाई थी, आज भी उन मुददों का समाधान नहीं हो पाया है। आज भी यंहा का युवा बेरोजगार है।

वहीं उत्तराखंड क्रांति दल के नेता त्रिवेन्द्र पंवार ने कहा कि यह उत्तराखंड राज्य हमें आसानी से नहीं मिला है। इसमें बहुत से लोगों ने बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस मजाक समझ रही है। भाजपा और कांग्रेस कभी भी आंदोलन में नहीं रही है। उन्होंने कहा जो यहां के लोगों के ऊपर गोलियां चली है। उस में भाजपा और कांग्रेस शामिल है, क्योंकि केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और विपक्ष में भाजपा बड़ी ताकत थी, लेकिन इनका उत्तराखण्ड आन्दोलन में कोई योगदान नहीं है।

वंही उन्होंने कहा कि जिन सपनो को लेकर राज्य बनाया था कि यंहा के युवाओं को रोजगार मिलेगा, पलायन रुकेगा और यंहा के जो हक़ हकूक है वो मिलेंगे, लेकिन इन 26 सालों में शहीदों का अपमान हुआ है और जो शहीदों का सपना था वो आज भी पूरा नहीं हुआ है।

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