नई टिहरी: जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने किया जिला चिकित्सालय बौराडी का औचक निरीक्षण, दिए यह महत्वपूर्ण निर्देश

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नई टिहरी 28 मई 2021: जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने शुक्रवार प्रातः 10ः30 बजे जिला चिकित्सालय बौराडी का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होने आपातकालीन वार्ड, ओपीडी, दवा वितरण कक्ष, आई0सी0यू0 कक्ष, नवजात शिशु वार्ड, जनरल महिला/पुरुष वार्ड, अस्थि रोग वार्ड, ऑपरेशन/शल्य चिकित्सा कक्ष, एक्स-रे व सीटी स्केन कक्ष, रेन बसेरा, टेलीमेडिसन केन्द्र सहित ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी द्वारा चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भर्ती रोगियों व उनके तीमारदारों से फीडबैक लिया गया। जिसपर मरीजों व उनके तीमारदारों द्वारा बताया गया कि चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाओं के तहत चिकित्सको द्वारा भर्ती मरीजों की निरतंर देखभाल की जा रही है। वहीं भोजन और दवाएं भी समय से उपलब्ध हो रही है। निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय में साफ- सफाई पर भी जिलाधिकारी द्वारा संतोष व्यक्त किया गया।
प्रसव कक्ष व नवजात शिशु कक्ष के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि चिकित्सालय के पीपीई मोड़ पर संचालित होने के बाद प्रत्येक माह लगभग 25-30 ऑपरेशन के द्वारा प्रसव (सिजेरियन डिलीवरी) हो पा रही है, जबकि इससे पूर्व यह संख्या चिकित्सको के अभाव में शून्य हुआ करती थी। इस दौरान जिलाधिकारी ने दवा वितरण कक्ष/काउंटर के निरीक्षण में पाया कि मरीजो को चिकित्सकों द्वारा पर्चे पर लिखी गयी दवाएं निरंतर मिल रही है, इसके अलावा जो दवाएं सरकारी आदेशो में अंकित नहीं है, उनको भी उपलब्ध कराए जाने का प्रयास किया जा रहा है।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने चिकित्सालय प्रबंधक को स्पष्ट निर्देश दिए कि चिकित्सालय में आने वाले हर प्रकार के रोगियों के उपचार का प्रयास किया जाए। उन्होने यह भी स्पष्ट किया कि जिन मामलों में रैफर किया जाना आवश्यक हो, केवल ऐसे पेशेंट को ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) की संस्तुति के उपरांत रैफर किया जाए। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिये कि वे चिकित्सालय के पीपीपी मोड से पहले व पीपीपी मोड पर संचालन के बाद के समस्त रैफर केसेज व ऑपरेशन द्वारा प्रसव सम्बन्धी आंकडे कल सांय तक प्रस्तुत करें। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने चिकित्सालय प्रबंधन को यह भी निर्देश दिए कि चिकित्सालय में नवजात शिशु व किशोर बच्चो के लिए आई०सी०यू० बैड आरक्षित रखें। इस हेतु उन्होंने नवजात शिशु कक्ष का तत्काल पार्टीशन करते हुए 5 बैड तैयार करने के निर्देश दिए है।
बर्निंग केसेज में प्राथमिक उपचार की सुविधा चिकित्सालय में हो इस हेतु जिलाधिकारी ने पृथक से आइसोलेशन वार्ड तैयार करने के निर्देश दिए है। टेलीमेडिसिन सेवा को प्रभावी तरीके से लागू करने को लेकर जिलाधिकारी ने बताया कि टेलीमेडिसिन सेवा के संचालन को लेकर पूर्व में कोटेशन आमंत्रित किये गए थे लेकिन कोई भी फर्म/कंपनी वांछित सेवाओं पर खरा नहीं उतर पाई। उन्होने कहा कि टेलीमेडिसिन सेवा को सुचारू करने हेतु जल्द ही कोटेशन आमंत्रित किये जाएंगे।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने जनरल वार्ड, अस्थि रोग वार्ड व नवजात शिशु वार्ड में भर्ती मरीजों का हाल-चाल भी जाना। उन्होने भर्ती मरीजों से पूछा की उन्हे भोजन व दवायें समय से मिल रही है या नहीं, जिसपर मरीजों द्वारा चिकित्सालय में दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं (उपचार, भोजन, दवायें) आदि के प्रति संतोष व्यक्त किया। शल्य चिकित्सा कक्ष (ऑपरेशन थियेटर) के निरीक्षण के दौरान चिकित्सको द्वारा लेप्रोस्कोपी (दूरबीन) की आवश्यकता बताई गई जिसपर जिलाधिकारी ने कहा कि कल शनिवार को चिकित्सालय प्रबंधन समिति की बैठक आहूत कर जल्दी ही इसके क्रय की प्रक्रिया शुरु कर दी जाएगी।
जिलाधिकारी ने सी0टी0 स्कैन हेतु विकासखण्ड वार जारी रोस्टर के अनुपालन को लेकर सीएमएस को समीक्षा करने के निर्देश दिये है। इसके उपरान्त जिलाधिकारी द्वारा चिकित्सालय में निर्माणाधीन ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का निरीक्षण करते हुए प्लांट को समय से तैयार करने के निर्देश दिये हैं। मौके पर अपर जिलाधिकारी शिवचरण द्विवेदी, सीएमएस डाॅ अमित राय, डाॅ वैभव के अलवा अन्य चिकित्सक भी उपस्थित थे।

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