Uttarakhand: ओमी क्रोन वैरिएंट नहीं है ज्यादा घातक, होम आइसोलेशन में रहने से ही मिलती है स्वस्थ होने में मदद! स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा

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देहरादून,16 जनवरी 2022: उत्तराखंड में कोविड-19 संक्रमण के मामलों का विश्लेषण में अब तक कोविड-19 पॉजिटिव सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग मैं केवल 54 प्रतिशत सैंपल मै ओमी क्रोन वेरिएंट पाया गया है।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि राज्य में कोविड-19 संक्रमण के 2255 पॉजिटिव सैंपल की जिनोम सीक्वेंसिंग दून मेडिकल कॉलेज लैब द्वारा की गई, जिसके सापेक्ष 159 की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है और इसमें से केवल 85 सैंपल में ओमी क्रोम वैरीअंट पाया गया है।
स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि “कोविड-19 के नए स्वरूप के इस वैरीअंट से सतर्क रहना है, लेकिन घबराने की आवश्यकता नहीं है। हमें कोविड-19 अनुरूप व्यवहार अपनाएं जाने की नितांत आवश्यकता है और यही सावधानी हमें महामारी के संक्रमण से बचाएगी और वेरिएंट का ट्रांसमिशन रुकेगा।”
डॉ तृप्ति बहुगुणा ने बताया की विश्व में सभी जगह पर ओमी क्रोन वैरीअंट अन्य सभी वेरिएंट को रिप्लेस कर रहा है और इसके प्रभाव अधिक घातक नहीं आ रहे हैं। अधिकांश लोग जो कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित हैं, उनमें हल्की लक्षण अथवा लक्षण रहित है तथा होम आइसोलेशन में रह कर ठीक हो जा रहे है। इस प्रकार यह देखा गया है की उम्मीकोन वेरिएंट जन स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में परिलक्षित नहीं हो रहा है। लेकिन हमें कोविड-19 व्यवहार को हमेशा और अनिवार्य रूप से पालन करते रहना होगा, तभी हम इस महामारी से बच सकते हैं। ज्ञातव्य है कि उत्तराखंड में कोविड-19 संक्रमण के पॉजिटिव मामलों का जिनोम सीक्वेंसिंग दून मेडिकल कॉलेज लैब में किया जा रहा है और अभी तक जितने भी मामले कोविड-19 पॉजिटिव आते हैं, उनमें से लगभग 15% सैंपल की जिनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है।

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