उत्तराखंड में मानसून की पहली बारिश ने बढ़ाई मुसीबत, उफनाई नदियां ,एक की मौत

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देहरादून: उत्तराखंड में मानसून के आते ही आम जन की फजीहत शुरू हो गई है। मानसून की पहली बारिश से जहां मैदानी इलाकों में लोगों को गर्मी से राहत मिली, वहीं पहाड़ और जलभराव वाले इलाकों में लोगों को परेशानियों से दो चार भी होना पड़ा। नदियां उफान पर आ गई। वही आकशिए बिजली की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है।

बता दें की प्रदेश में रविवार शाम से मानसून की बारिश शुरू हो गई। बारिश और आंधी की वजह से भारी तबाही मची है। बड़कोट में यमुनोत्रीधाम सहित यमुनाघाटी में आंधी-तूफान के साथ झमाझम बारिश हुई। जिससे यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट में मलबा आने से बंद हो गया है। यहां पत्थरों का गिरना जारी है। लगातार बारिश व मलबा आने के कारण हाईवे खोलने के प्रयास शुरू करने में परेशानी हो रही है। यात्री वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है।वही आकाशीय बिजली की चपेट में आकर सितारगंज के नगला के पूर्व ग्राम प्रधान पति पृथ्वीपाल सिंह 35 वर्ष की मौत हो गई है। सूचना मिलने पर थानाध्यक्ष तथा नायब तहसीलदार ने अस्पताल पहुंचकर जानकारी ली।

बता दें कि आंधी के कारण रविवार रात अल्मोड़ा जिले में गोविंदपुर दौलाघट में दोमंजिले मकान की टिन की छत उड़ गई।डंगोली (गरुड़) में बिजली घर पर बिजली गिरने से एक लाख के उपकरण फुंक गए। इससे  कारण चार दर्जन से अधिक गांवों में पांच घंटे बिजली गुल रही। वहीं, आंधी के चलते रनमन (अल्मोड़ा) में लाइन में खराबी आने से सोमेश्वर घाटी के 60 गांवों में नौ घंटे और अल्मोड़ा शहर में मालरोड समेत कई मोहल्लों में करीब छह घंटे बिजली बाधित रही।

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