‘गुप्ता बंधुओं’ को उत्तराखंड सरकार ने दी जेड श्रेणी की सुरक्षा, विदेश में हैं वांटेड

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देहरादून : दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुम्मा की कुर्सी जाने के बाद चर्चाओं में आए भारतीय मूल के गुप्ता बंधुओं ने अब उत्तराखंड की सियासत में भी हलचल मचा दी है। जोहानिसबर्ग में कारोबार करने वाले जिन गुप्ता बंधुओं के पीछे दक्षिण अफ्रीका की पुलिस पीछे पड़ी है, उन्हें उत्तराखंड में त्रिवेंद्र रावत सरकार की ओर से जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गयी है। ज़ुमा के करीबी भारतीय मूल के कारोबारी गुप्ता बंधुओं के दक्षिण अफ्रीकी स्थित घर में पर दक्षिण अफ्रीकी पुलिस ने बुधवार को छापेमारी की थी। देहरादून में कर्जन रोड स्थित उनकी कोठी पर जेड सुरक्षा के तहत उत्तराखंड पुलिस के अफसर और जवान पहरा दे रहे हैं।

गुप्ता बंधुओं पर आरोप है कि वे राष्ट्रपति जैकब ज़ुमा के कार्यकाल के दौरान हुए कथित घोटाले में शामिल थे। उन पर कैबिनेट नियुक्तियों पर भी असर डालने का आरोप है। गुप्ता बंधुओं का ताल्लुक उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से है। अजय, अतुल और राजेश गुप्ता नाम के तीन भाई दक्षिण अफ्रीका में अपना कारोबार चलाते हैं। 1993 में वे दक्षिण अफ्रीका जाकर बस गए थे। उसके बाद जोहान्सबर्ग में सहारा कंप्यूटर के नाम से कंप्यूटर और कंप्यूटर पा‌र्ट्स बनाने वाली कंपनी तीनों भाईयों ने मिलकर शुरू की। और धीरे-धीरे वे व्यापार और राजनीति में काफी ताकतवर हो गए। खबर यह भी है कि राष्ट्रपति जैकब ज़ुमा के कई रिश्तेदार गुप्ता बंधुओं की कपंनी में काम करते हैं।

दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुबा ने बीते बुधवार को पद से इस्तीफा दे दिया था। जुमा ने टेलीविजन पर प्रसारित देश के नाम संबोधन में तत्काल प्रभाव से अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। 75 वर्षीय नेता जो 2009 से सत्ता पर काबिज थे, उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं। 

वहीँ इस विषय में उत्तराखंड शासन के प्रमुख सचिव गृह आनंद वर्धन ने का कहना है कि व्यवस्था के आधार पर सुरक्षा दी जाती है और सरकार जिसे उचित समझती है उसे ही सुरक्षा देती है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस विषय को लेकर दक्षिण अफ्रीका पुलिस से उनकी कोई बात नहीं हुई है। वर्धन ने कहा कि अगर दक्षिण अफ्रीका पुलिस को इस संबंध में बात करनी भी होगी तो वह देश के विदेश मंत्रालय से बात करेगी।

वहीं हाक्स दक्षिण अफ्रीका की प्राथमिकता अपराध जांच (डीपीसीआई) के निदेशालय ने गुप्ता बंधुओं को भगोड़ा घोषित कर दिया है। हाक्स संगठन के अपराध, आर्थिक अपराध, भ्रष्टाचार और अन्य गंभीर अपराधों को लक्षित करता है। दक्षिण अफ्रीका की खबरों के अनुसार गुप्ता भाइयों को दो दिन पहले ब्लोएमफोन्टेन मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश होना था। लेकिन पेश होने पर नाकाम रहे गुप्ता बंधुओं को हाक्स ने भगोड़ा करार दे दिया था। दक्षिण अफ्रीका की मीडिया से बात करते हुए हाक्स के प्रवक्ता हंगवानी मुलादीजी ने कहा था कि वह गुप्ता बंधुओं की तलाश में हैं। साथ ही उन्होंने कहा था कि हमने एक दिन पहले ही अजय गुप्ता के वकील के साथ संपर्क किया था लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है। इसलिए, अब हम अजय गुप्ता को एक भगोड़ा करार किया है।

कौन हैं गुप्ता?
अजय गुप्ता दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुम्मा का दोस्त है। गुप्ता परिवार दक्षिण अफ्रीका में कई व्यावसायिक हितों का मालिक है, जिसमें कंप्यूटिंग, खनन, हवाई यात्रा, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और मीडिया शामिल हैं। तीन भाइयों, अतुल, राजेश और अजय, भारत से 1993 में देश में चले गए थे।

गुप्ता के खिलाफ क्या हैं आरोप?
गुप्ता के भाइयों को दक्षिण अफ्रीका में भारी राजनीतिक प्रभाव चलाने का आरोप लगाया गया है, आलोचकों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने व्यावसायिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए “राज्य पर कब्जा करने” की कोशिश की है। इसके बाद एक दक्षिण अफ्रीकी सरकार के लोकपाल द्वारा घातक एक रिपोर्ट ने आरोप लगाया था कि गुप्ता और राष्ट्रपति जुमा ने सरकारी अनुबंधों को जीतने के लिए सहयोग किया था।

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