रानीखेत का ऐसा प्राचीन मंदिर जहाँ पूरी होती मनोकामनाएं, घंटी चढाने का है बड़ा महत्व

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-नंदकिशोर गर्ग की रिपोर्ट
रानीखेत: रानीखेत के कालिका मंदिर और प्रसिद्ध झूला देवी मंदिर में शारदीय नौरात्र में भक्तों की भीड़ उमड़ी। दुर्गा महोत्सव के चलते क्षेत्र में दुर्गा देवी के पंडाल सजे हैं। वहीँ छप्पन भोग के अवसर पर देवी प्रतिमा के सम्मुख फलों से भारत का नक्सा बनाया गया, जो आकर्षण का केंद्र बना रहा।
रानीखेत का प्रसिद्ध झूला देवी मंदिर घंटी वाला मंदिर भी कहलाता है। मनोकामना पूरी होने पर यहाँ सैकड़ों लोगों ने घंटियां चढाई हैं। मान्यता है कि यहाँ रात्री के समय माता के दर्शन करने शेर आता हैं।

मान्यता के अनुसार, पास के गांव पिलखोली में हिंसक जानवर पालतु पशुओं को मार देते थे, जिससे लोग परेशान थे। फिर किसी ग्रामीण को माता ने स्वप्न में दर्शन देकर कहा यहाँ मेरी प्रतिमा गढ़ी है। जिसके बाद माता की प्रतिमा को निकाल कर पूजा की गई और झूले में झूलाया गया। जिससे लोगों के समस्या का समाधान हुआ। जब यह मंदिर बना था, तब रानीखेत भी नही बसा था।

तब से यहाँ दूर-दूर से भक्त मनोतियां मांगने आते हैं और वो पूरी होने पर घंटीयां चढाते हैं। इस मंदिर में घंटी चढाने का बड़ा महत्व है, जिससे पूरा मंदिर घंटियो से पटा है। वहीँ यहाँ लोग श्रद्धानुसार भण्डारा भी करते हैं। मंदिर के पुजारी पंत बताते हैं कि, यहाँ भक्तो की मान्यता पूरी होती है।

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