पाकिस्तान से भारत को बड़ा झटका, हाफिज सईद के दो आतंकी संगठन को आतंकी सूची से किया बाहर

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नई दिल्ली: आतंकियों को लेकर पाकिस्तान की हमदर्दी एकबार फिर दुनिया के सामने बेनकाब हो गई है। दरअसल, हाफिज सईद की पार्टी जमात उद दावा (जेयूडी) और फलाह ई इंसानियत (एफआईएफ) अब पाकिस्तान में प्रतिबंधित आतंकी समूह की सूची से बाहर हो गए हैं। दरअसल इन दोनों संगठनों को जिस अध्यादेश के तहत प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में डाला गया था, वो अब निष्प्रयभावी हो चुका है। पाकिस्ता न सरकार की ओर से भी इसे प्रभावी बनाए रखने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। बता दें कि 26/11 मुंबई हमलों के मस्टरमाइंड हाफिज सईद के आतंकी सूची से हटने की खबर से भारत के लिए एक बड़ा झटका है।

दरअसल, फरवरी में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने एंटी-टेरेररिज्म एक्ट 1997 में संशोधन कर एक नया अध्यादेश जारी किया था। इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के द्वारा घोषित आतंकवादियों और आतंकी समूहों को प्रतिबंधित कर दिया था और इसी अध्यादेश के तहत जेयूडी और एफआईएफ को गैरकानूनी करार दे दिया गया था।

इसी मामले पर हाफिज सईद ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसके मुताबिक,  उसके वकील रिजवान अब्बासी और सोहेल ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट को गुरुवार को बताया कि अध्यादेश अब वैध नहीं है क्योंकि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार ने इसे आगे नहीं बढ़ाया है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक आतंकी घोषित हाफिज ने उस अध्यादेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत उसके संगठनों को ब्लैकलिस्ट किया गया। अपनी याचिका में सईद ने दावा किया था कि अध्यादेश पाकिस्तान की संप्रभुता और संविधान के खिलाफ जारी किया गया।

सईद के वकील ने हाई कोर्ट के जज आमेर फारुक को सूचित किया है कि अध्यादेश को मौजूदा सरकार ने न तो आगे बढ़ाया और न ही इसे पाकिस्तान की संसद में पेश किया गया, जिससे यह ऐक्ट बन सके। इस पर जज ने कहा कि सईद की अर्जी का कोई मतलब नहीं है क्योंकि सरकार ने अध्यादेश को आगे ही नहीं बढ़ाया है। आपको बता दें कि भारत और अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान की सरकार ने आतंकियों और उनसे जुड़े संगठनों के डोनेशन जुटाने पर भी रोक लगाई थी।

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