ढाणा के लिए काल बन सकता है काफूल्टा नाला, सरकारें बेसुध

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टिहरी (थत्यूड़): टिहरी जिले के थत्यूड़ ब्लाक के ढाणा गांव के ग्रामीणों की हर रात दहशत में गुजरती है। पहले 1998 और उसके बाद 2013 में गांव के ऊपरी भाग से आकर गांव के बीचों-बीच बहने वाला बरसाती काफूल्टा नाला गांव में तबाही मचा चुका है। ग्रामीणों का हाल यह है कि हल्की बारिश होने पर भी लोग घरों के बाहर आ जाते हैं। कई बार अधिकारियों से लेकर सरकारों तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक किसी ने सुध नहीं ली। उत्तराखंड राज्य बनने से लेकर अब तक ग्रामीण कांग्रेस और भाजपा के सभी मुख्यमंत्रियों से नाले से होने वाले नुकसान से बचाने की मांग कर चुके हैं। कई प्रस्ताव और पत्र दिए, लेकिन आज तक नाले का उपचार नहीं हो पाया। अब ग्रामीणों ने आर-पार की लड़ाई का मन बनाया है। उनका कहना है कि वोट लेने आने वाले नेताओं को आने वाले लोकसभा चुनाव में गांव में नहीं घुसने देंगे। जरूरत पड़ी तो चुनाव का भी बहिष्कार करेंगे। वैसे तो ढाणा में पहले से ही लोग रहते थे, लेकिन पिछले 6 से 7 सालों में बड़ी संख्या में लोगों ने ढाणा में मकान बना लिए हैं। आवासीय भवनों के अलावा ढाणा में राजकीय इंटर काॅलेज, पीजी काॅलेज, निजी स्कूलों समेत विभिन्न विभागों के कार्यालय भी हैं। इन पर भी खतरा मंडरा रहा है।

भूस्खलन भी खतरा
आलम यह है कि ढाणा नाला जहां बरसात में लोगों को डराता है। वहीं, वर्षभर नाले के ऊपरी भाग से भूस्खलन भी होता रहता है। जिसके चलते पत्थर भी गिरत हैं, जिनकी चपेट में आने से कई लोग घायल हो चुके हैं। लोग भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र के आसापास की अपनी खेती भी नहीं कर पा रहे हैं। इससे ग्रामीणों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बड़ा खतरा यह भी है कि पहाड़ी का मलबा कफूल्टा नाले में जमा हो चुका है, जो बरसात में लोगों के लिए मुसीबत बन सकता है। वन विभाग की वौकी के आसपास भी पहाड़ी पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी हुई है।

स्थानीय वैज्ञानिक ने तैयार की रिपोर्ट
भूगर्भ वैज्ञानिक प्रदीप कुमार ने नाले की स्थिति और पूरे क्षेत्र का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार कर चुके हैं। उनके अनुसार कफूल्टा नाले में मोटर मार्ग की कटिंग से डाला गया मलबा और पहाडी का मलबा नाले में जमा होने के कारण कभी भी ढाणा की बर्बादी का बड़ा कारण बन सकता है। क्योंकि उक्त नाले का ग्रेडियेन्ट अधिक तेज है। शोध में यह भी सामने आया है कि ढाणा बस्ती पुराने मलबे के ढेर पर बसी है। बचाव के लिए बस्ती के ऊपरी भाग में कफूल्टा नाले को दोनों ओर से सुरक्षा दीवारों से चैनेलाइज करना होगा।

सरकारों को केवल वोट की चिंता
लोगों का आरोप है कि सरकारों को केवल वोट की चिंता है। वोट के लिए नेता लोग आते हैं। नाले के ऊपरी भाग को चैनलाइज करने के दावे तो करते हैं, लेकिन लौटकर कोई नहीं आता। दो बार तबाही मचा चुके नाले का समय रहते उपचार नहीं किया गया, तो आने वाले मानसून सीजन में यह तबाही मचा सकता है। इस बात की भी पूरी संभावना है कि काफूल्टा नाला ढाणा के अलावा आसपास के क्षेत्रों को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।

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