आस्था पर भारी पडने लगे सरकारी दावे, अव्यवस्थाओं से यात्रियों में आक्रोश

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रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा शुरु होने से पहले किये गये सरकारी दावे अब आस्था पर भारी पडने लगे हैं। केदारनाथ यात्रा के आधार शिविर गौरीकुण्ड में अव्यवस्थाएं मुंह चिढा रही हैं। यात्रियों को ना तो अपने पित्रों के तर्पण के लिए पानी मिल पा रहा है और ना ही मोक्ष की प्रप्ति के लिए गर्म कुण्ड में स्नान कर पा रहे हैं। गर्मकुण्ड परिसर में भारी तादाद में यात्री तो पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां शौचालयों में ताले लगे हैं, तो चैन्जिंग रुम के अभाव में खुले में ही यात्री कपडों को बदलने को मजबूर हैं।
केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा आधार शिविर गौरीकुण्ड से शुरु होती है। मान्यता के अनुसार यहां पर मां पार्वती ने अनेकों वर्षों तक तपस्या की थी, तब जाकर उन्हें शिव की प्राप्ति हुई थी। यहां स्थित गर्म कुण्ड में माता का स्नान हुआ करता था। वर्ष 2013 की आपदा में कुण्ड तहस-नहस हो गया था, लेकिन प्रशासन व सरकार का दावा था कि, यात्रा शुरु होने से पहले कुण्ड को पौराणिक स्वरुप दे दिया जायेगा। लेकिन हकीकत इससे उलट है। यहां पर महज एक गड्डा बनाकर उसके उपर त्रिपाल डालकर आस्था के साथ एक बडा खिलवाड किया जा रहा है, जिससे यात्रियों में भी आक्रोश है।
वहीं भाजपा के विधायक भरत सिंह चौधरी व ब्लॉक प्रमुख जगमोहन रौथाण इसे प्रशासन की बडी चूक तो मानते हैं और प्रशासन से वार्ता की भी बात कर रहे हैं, लेकिन सरकार की गलतियों पर कुछ भी बोलने को राजी नहीं हैं। ऐसे में बडा सवाल यह है कि, गंगा को प्रदूषण मुक्त करने वाली बातों पर किस तरह से यकीन किया जाय, जबकि गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के बडे दावे किये जा रहे हैं।

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