देहरादून: उच्च न्यायालय के आदेश पर देहरादून शहर की नगर निगम सीमा के तहत सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों को हटाने का महाअभियान गुरूवार से चलेगा। पहले ये अभियान बुधवार से शुरू होना था। लेकिन जिलाधिकारी ने अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री) से रणनीति तैयार करने के लिए एक दिन का समय मांगा है।
इससे पहले मंगलवार को अपर मुख्य सचिव ने अभियान को लेकर बैठक बुलाई थी। बैठक में तय हुआ कि अभियान की शुरुआत उन शिकायतों के आधार पर होगी, जो पिछले करीब एक साल के दौरान शासन को प्राप्त हुई हैं। बैठक में टास्क फोर्स को अतिक्रमण अभियान शुरू करने की मांग को लेकर सरकार को प्राप्त हुए करीब 75 पत्र सौंपे गए। दूसरे चरण में इतने ही शिकायती पत्र दो-तीन दिन बाद सौंपे जाएंगे। इस बार पॉश इलाके राजपुर रोड पर भी जेसीबी गरजेंगी।
वहीँ बैठक में एसीएस ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बिना किसी दबाव के अनधिकृत निर्माणों और अतिक्रमणों को हटाने का कार्य सुनिश्चित करें। उन्होंने डीएम को कहा कि फ्लाई ओवर और आरओबी के नीचे से अतिक्रमण हटाकर वहां फायर ब्रिगेड की गाड़ी के लिए पार्किंग और वैकल्पिक कार्यालय बनाए जाएं। लोनिवि का कैंप आफिस स्थापित किया जाए। जन सुविधा केंद्र बनाए जाएं और पुलिस पिकैट के तौर पर इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने उद्यान विभाग से इन स्थानों को ग्रीन कवर करने के भी निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश के मुताबिक, निकाय चुनाव, लोकसभा चुनाव और कांवड़ यात्रा में पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की व्यस्तता के चलते अभियान रुक गया था। लेकिन अब अभियान पूरी तेजी से और तब तक चलेगा जब तक चिन्हित अतिक्रमण नहीं हटा दिए जाते। अपर मुख्य सचिव के मुताबिक अतिक्रमणकारियों पर नगर नियोजन अधिनियम की धारा 26 ए के तहत दो साल की जेल और 20 हजार रुपये का जुर्माने की कार्रवाई हो सकती है।
सरकार का अनुमान है कि शहर में 8000 के करीब और नए अतिक्रमण हो सकते हैं। अतिक्रमण हटाने का अभियान आवासीय कॉलोनियों को जोड़ने वाले सार्वजनिक मार्गों पर भी चलाया जाएगा।
पहले चरण के अभियान में राजपुर रोड से अतिक्रमण नहीं हटाया गया था। लेकिन इस बार राजपुर रोड, प्रेमनगर में हुआ दोबारा अतिक्रमण और आरकेडिया क्षेत्र के मुख्य मार्ग अभियान की हिट लिस्ट में शामिल हैं।