जाने कैबिनेट के फैसले…

Please Share
प्रतीकात्मक चित्र..

देहरादून: सचिवालय में हुई त्रिवेंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक में कई प्रस्तावो पर जहां मुहर लगी है, वहीं राज्य कर्मचारियों और कई निगमों के कर्मचारियों को सरकार ने दीपावली से पहले बड़ा तौहफा दिया है।

सचिवालय में हुई त्रिवेंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक में 25 फ़ैसलों पर सरकार ने मुहर लगाई है, जिसमें सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए है। वहीं राज्य कर्मचारियों और निगम कर्मचारियों को भी सरकार ने दीपावली से पहले बड़ा तौहफा दिया है।

जाने कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले…

दो लाख से ज्यादा राज्य कर्मचारियों को बचे एरियर का 50 प्रतिशत  भुगतान किए जाने पर मुहर लगाई गयी है, एक जनवरी 2016 से दिसंबर 2016 तक बचे हुए एरियर का सरकार भुगतान करेगी, जिससे राज्य सरकार पर 600 करोड़ रुपये का वित्तीय भार पडेगा।

राज्य कर्मियों का जुलाई 2017 से महंगाई भत्ता एक प्रतिशत बढाए जाने पर भी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। अब महंगाई भत्ता चार के बजाय पांच फ़ीसदी हो गया है इससे सरकारी खजाने पर 12 करोड़ का मासिक बोझ पड़ेगा।

त्रिस्तरीय पंचायतों में प्रधान और उपप्रधान का मानदेय बढ़ाने पर भी सहमती बनी है। मानदेय 750 रुपये से बढ़ाकर 1500 रूपये किया गया है।

जिला पंचायत अध्यक्ष का मानदेय 5,000 रुपये से 10,000 रुपये ,जिला पंचायत उपाध्यक्ष का मानदेय 3,000 रुपये से 5,000 रुपये किया गया हैं।

जिला पंचायत सदस्य का प्रति बैठक मानदेय 400 रुपये से 1,000 रुपये कर दिया गया है। ब्लॉक प्रमुख का मानदेय 4,000 रुपये से 6,000 रुपये किया गया। उप ब्लॉक प्रमुख को मानदेय के रूप में 625 रुपये से 1500 रुपये मिलेंगे। बीडीसी सदस्य को अब प्रति बैठक 500 रुपये मिलेंगे।

परिवहन निगम, सिडकुल और मंडी परिषद के कर्मचारियों को सातवें वेतनामन दिए जाने पर भी लगी कैबिनेट की मुहर।

ऋषिकेश नगर पालिका का सीमा विस्तार।

नन्द प्रयाग पंचायत का सीमा विस्तार, चार गांवों को शामिल किया गया।

चार ज़िलों को जिला स्तरीय प्राधिकरण बनाने के लिए कमेटी का किया गया गठन। हरिद्वार, देहरदून, नैनीताल, ऊधम सिंह नगर ज़िले के विकास प्राधिकरण के लिए भी चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।

जौलीग्रांट में एसडीआरएफ़ कैम्प के लिए वनभूमि के भू उपयोग में शिथिलता बरतने को मंज़ूरी दी गई है।

राज्यकीय महिला सेवकों को बाल दत्तक ग्रहण करने पर 180 दिन का अवकाश दिए जाने पर भी बनी सहमति।

राज्य में इमारती लकड़ी पर वन उपज पूर्व की भांती 50 रूपये टन लिए जाने पर लगी मुहर। राज्य योजना आयोग, के साथ ही निजी सचिव, अपर सचिव, सेवा नियमावली को मिली मंजूरी।

विक्रय अनुबंध पत्र पर पूर्व की भाती शुल्क लिए जाने पर लगी कैबिनेट की मुहर। वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है।

कुल मिलाकर त्रिवेंद्र सरकार ने अपनी कैबिनेट बैठक के जरिए राज्य कर्मचारियों और निगम कर्मचारियों के साथ पंचायत प्रतिनिधियों को दीपावली का तौहफा दिया है, वहीं विक्रय अनुबंध पत्र का शुल्क और इमारती लकड़ी पर वन उपज पहले की भांती वसूलने से राज्य की आय बढाने की दिशा में फैसला लिया है।

बहरहाल देखना ये होगा कि राज्य की आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद सरकार ने कर्मचारियों और पंचायत प्रतिनिधियों को खुश करने के लिए जो निर्णय लिया गया है उसके बाद आर्थिक तंगी से जूझ रही सरकार कैसे प्रदेश में वित्तिय संतुलन बनती है।

You May Also Like

Leave a Reply