जानिए क्या कुछ बयान दिया आरएसएस प्रमुख ने रोहिंग्या और देश के तमाम मुद्दों पर

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नागपुर: विजयादशमी के मौके पर नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने रोहिंग्या संगठन को देश के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि हम पहले से ही अवैध बांग्लादेशी शरणार्थियों की समस्याओं से जूझते आ रहे हैं और अब रोहिंग्या लोग देश में घुस आए हैं। अगर हम रोहिंग्या समुदाय के लोगों को शरण देंगे तो वे न सिर्फ हमारे रोजगार ढांचे पर दबाव पैदा करेंगे, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करेंगे।

रोहिंग्या मुस्लिमों के भारत आने पर उन्होंने कहा कि हमने बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या को पूरी तह से अभी सुलझाया भी नहीं और म्यांमार की समस्या और हम पर आ गई। उन्होंने कहा कि वे वहां से यहां आए क्यों हैं, वहां क्यों नहीं रह सकते?

मोहन भागवत ने अपने संबोधन में आगे कहा आप केरल और बंगाल के हालातों के बारे में जानते हैं। जिहादी ताकतें वहां सक्रिय हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि पहली बार दुनिया को लग रहा है कि ‘भारत थोड़ा-थोड़ा उठ रहा है’। अपनी सीमाओं पर सुरक्षा को चुनौती देने वालों को हमने जवाब दिया है।

जम्मू कश्मीर के शरणार्थियों की समस्या पर खींचा ध्यान 

भागवत ने कहा कि जम्मू कश्मीर के शरणार्थियों की समस्या का अब तक समाधान नहीं हो पाया है। उनके पास बेसिक सुविधाएं नहीं है और उन्हें अब भी संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान में आवश्यक सुधार होने चाहिए और जम्मू कश्मीर से जुड़े पुराने प्रतिबंधों को बदला जाए।

कश्मीरियों को महसूस हो दिल्ली की मानवीयता

भागवत ने कहा कि कश्मीरियों को भारत के साथ एकीकृत करने के लिए सरकार को और ज्यादा प्रयास करने चाहिए। कश्मीरियों को मानवीयता महसूस होनी चाहिए। स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधाएं अभी कश्मीर नहीं पहुंच पा रही हैं।

कश्मीर पर दृढ़ता का स्वागत

उन्होंने कहा कि अलगाववादियों के आर्थिक स्त्रोत खत्म कर दिए गए हैं और पाकिस्तान के साथ उनका रिश्ता उजागर हो गया है। जिसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि कश्मीर पर दृढ़ता का स्वागत है, लेकिन लद्दाख, जम्मू सहित सम्पूर्ण राज्य में भेदभावरहित, पारदर्शी और स्वच्छ प्रशासन की आवश्यकता है।

संघ प्रमुख ने किया PM मोदी का गुणगान

वहीँ इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की भी जम कर तारीफ की। भागवत ने जन धन, मुद्रा, कृषि बीमा योजनाओं को गिनवाया और कहा कि इससे देश के लोगों का भला होगा।  उन्होंने कहा कि हमें हर एक को ध्यान में रखते हुए अपनी आर्थिक नीतियां बनानी होंगी। हाल के दिनों में कई कदम उठाए गए हैं। समय आ गया है कि इनकी समीक्षा की जाए और विश्लेषण पर गंभीरता से विचार किया जाए। वैश्विक अर्थव्यवस्था हमारी ओर सम्मान से देख रही है।

‘मुस्लिम भी हैं गौ रक्षक’

गौरक्षा के मुद्दे पर भागवत ने कहा कि इसे हिंसा से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। मुस्लिम भी गौ रक्षक हैं और उन पर भी हमले हुए हैं। गौ रक्षा के नाम पर हिंसा नहीं होनी चाहिए। रक्षा और सतर्कता शब्द का कुछ लोगों ने दुरुपयोग किया है।

 डोकलाम पर सख्ती

चीन के साथ सीमा विवाद पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि डोकलाम मुद्दे पर सरकार ने गजब की सख्ती दिखाई जिसके चलते आखिरकार मामला शांत हुआ। इससे भारत की ताकत दिखती है। इससे उजागर हुआ कि भारत सशक्त है।

हजारों वर्षों की गुलामी का हमारी सोच पर असर

भागवत ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में वैज्ञानिकों अपने ज्ञानबल से हमारे देश की धाक जमाने में सफल हो रहे है। हम अपना इतिहास और संस्कृति भूल गए हैं। दूसरे देशों के लोग जब हमें इस बारे में बताते हैं तो हम मानते हैं कि हां, हमारा देश महान है। उन्होंने कहा कि हजारों साल की गुलामी ने हमारे मस्तिष्क पर गलत असर डाला है। हम अपना स्वर्णिम इतिहास गंवा बैठे और इतिहास भूल गए।

भ्रष्टाचार रोकने के लिए एकीकृत नीतियों की जरूरत

संघ प्रमुख ने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए केंद्र सरकार ने कई सारी योजनाएं बनाई हैं। फिर भी हमें इस पर एकीकृत नीतियों की जरूरत है। राज्यों की सृजन शक्ति दिखनी चाहिए। हमें और ज्यादा संगठित, मुखर और सक्रिय होने की आवश्यकता है। दुनिया भर में भारत के प्रति सम्मान बढ़ा है और अब हम खुद को अपनी संस्कृति के साथ पेश करने में ज्यादा सम्मान और विश्वास महसूस करते हैं।

भागवत ने की युवाओं से अपील

युवाओं से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि अगर आप करियर बनाना चाहते हैं, तो आर्मी, नौसेना और पैरा मिलिट्री फोर्स में बनाए। हमें अपने परिवार से जवानों को सेना में भेजना होगा, ताकि दुश्मनों से देश की रक्षा हो सके।

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