क्यों कहा मंत्री साहब ने; या तो विभाग से मुझे हटाया जाए या उन्हें

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देहरादून : उत्तराखंड की विधानसभा में हुई बैठक में अधिकारी देर से पहुंचे तो मंत्री शाहब आगबबूला हो गए। परिवहन मंत्री के द्धारा बुलाई गई परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में तय समय से परिवहन सचिव करीब दो-ढाई घंटे देरी से पहुंचे।

दरसल गुरुवार को परिवहन मंत्री यशपाल आर्य के द्धारा विभाग की समीक्षा बैठक सुबह 11 बजे से बुलाई गई थी, निर्धारित समय के अनुसार परिवहन विभाग के कई अधिकारी और परिवहन निगम के अधिकारी भी विधानसभा पहुंच गए, लेकिन घंटो इन्तजार करने के बाद भी बैठक में नहीं पहुंचे तो विभाग के सचिव डी सेंथिल पांडियन।

इंतजार करते-करते पूरे दो घंटे हो चुके थे, फिर क्या था इंतजार की सारी हदे पार हो गई और मंत्री जी ने फोन सीधे मुख्य सचिव को लगा दिया, जिसके बाद ये साबित हो गया कि अधिकारी मंत्रियों के प्रोटकॉल का ध्यान नहीं रखते है। मंत्री साहब का कहना कि पाण्डिय लगातार उन्हें नजर अंदाज कर रहे है, मुख्य सचिव के साथ हुए परिवहन मंत्री की बातचीत में सबसे बात यह थी कि फोन काटने से पहले मंत्री ने मुख्य सचिव को बोल दिया, परिवहन विभाग से या तो उन्हे हटाया जाए या तो पांडियन को।

कुल मिलाकर पूरे प्रकरण को देखे तो यशपाल आर्य की आज की नाराजगी से यही साबित होता है कि प्रदेश में नेताओं पर भी अधिकारी हावी है, जो प्रोटकॉल का बिल्कुल भी ख्याल नहीं रख रहे हैं।

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