Video: पिथौरागढ में मानसूनी दस्तक से जनपदवासियों की सांसे हुई तेज, नदियां उफान पर, जनपद में भारी भूस्खलन से सडके बंद, जनजीवन अस्त व्यस्त

Please Share
दीपक जोशी की रिपोर्ट;
पिथौरागढ़: पिथौरागढ जनपद में हो रही लगातार बारिश ने यहाँ जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। मानसून की पहली दस्तक, ने ही सीमांत जनपद की, सांसे, तेज कर दी है। बीते रात से हो रही लगातार, मूसलाधार बारिश से सीमांत को जोडने वाली अधिंकाश सडकें भूस्खलन के कारण बंद पडी है। राष्ट्रीय, राजमार्ग टनकपुर पिथौरागढ दो दिन से बंद पडा, है, जिसे खोलने का, प्रयास निरन्तर किया जा रहा है। जिसके कारण लोगों को अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पढ रहा है। वैकल्पिक मार्ग से ही जरूरी सामाग्री जनपद में पंहुच रही है।
वही उच्च पर्वतीय क्षेत्र धारचुला मुनस्यारी में लगातार बारिश ने कहर वरपा रखा है। बारिश के कारण वहाँ की नदियों के जल स्तर में बढोतरी हुई है जो कि खतरे के निशान के समीप पहुच रही है। काली नदी, धौली नदी व गौरी नदी अपनी क्षमता से अधिक प्रवाह कर रही है, जिसके कारण लुमती तहसील बंगापानी में सडकों तक पानी भर गयी। जिसके कारण यात्रा कर रहे लोगों को अत्यंत कठिनाइयों का सामना उठाना पडा। वही पूर्व में आई आपदा वाले स्थानों में भी नदियां उफान पर है। छोरीबगढ लुमती, बंगापानी में बारिश से खतरा बढ़ गया है जिसके मध्यनजर प्रसासन ने सम्बंधित अधिकारियों को सचेत रहने एंव तत्परता से कार्य करने एंव हर संभव राहत पंहुचाने के निर्देश दिए है।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: फिर से आईएएस व पीसीएस अधिकारियों में फेरबदल

साथ ही आज शुकरवार को जनपद पिथौरागढ़ के काली नदी का जल चेतावनी स्तर 889.00 मीटर से अधिक पंहुचने के कारण सावधानी, सुरक्षा एवं सतर्कता बढ़ाने हेतु जिलाधिकारी द्वारा संबंधित अधिकारियों को तत्काल अलर्ट रहते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। जिलाधिकारी ने तहसील पिथौरागढ़, धारचूला एवं डीडीहाट के उपजिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षक, तहसीलदारों समेत सभी सुरक्षा एजेन्सियों, बीआरओ, पीडब्ल्यूडी विभागों के अधिकारियों को किसी भी प्रकार की घटना को रोके जाने हेतु आपसी समन्वय स्थापित करते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।
जिलाधिकारी ने कहा कि नदी किनारे रह रहे लोगों को तत्काल सूचित किया जाय। नदी किनारे के जिन गांवों व भवनों को खतरा उत्पन्न होना प्रतीत होता है, तत्काल उन्हें सुरक्षित स्थानों में पंहुचाया जाय। नदी किनारे एवं पुलों में आवागमन को प्रतिबंधित किया जाय। जिलाधिकारी ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को आपसी समन्यव के साथ किसी भी प्रकार की स्थिति में जन सामान्य को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के निर्देश दिए है। जिलाधिकारी द्वारा इसी प्रकार अन्य नदी गोरी व राम गंगा के भी जल स्तर बढ़ने की स्थिति में तत्काल इसी प्रकार की कार्यवाही करते हुए लोगों को लाउडस्पीकर के माध्यम से सूचित किया जाए तथा सुरक्षात्मक कार्यवाही की जाए।

यह भी पढ़ें: Video: हरिद्धार: कुंभ कोविड टेस्टिंग घोटाले में हुआ एसआइटी का गठन, इन पुलिस अधिकारियों को दी गयी जाँच की ज़िम्मेदारी

You May Also Like