Uttarakhand: एसटीएफ का अंतर्राजीय ऑपरेशन, रात से जारी कई फार्मा फैक्ट्री में छापा, देश भर में फैला थी नकली दवाओं की सप्लाई

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देहरादून: उत्तराखंड में नकली दवाइयों का बड़ा कारोबार फैला हुआ है। विगत दो माह से स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखंड फार्मा फैक्ट्री को चिन्हित करने की कार्यवाही कर रही थी।भगवानपुर, लक्सर और सहारनपुर में बड़े स्तर पर नकली दवाइयां बनाने वाली कंपनियों पर एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई की है। नामी कंपनियों की दवा बनाने का सामान, केमिकल, निर्मित निम्मी दवाइयां एसटीएफ द्वारा बरामद की गई है। ये नकली दवाइयां ज्यादातर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेची जा रही थी। देशभर में कोरियर सर्विस के माध्यम से सप्लाई की जा रही थी। स्पेशल टास्क फोर्स के रडार पर कोरियर सर्विस भी आ गई है।
दवाइयों के दवाइयों के पेपर बॉक्स AT ENTERPRISES ग्राम सिसौना थाना भगवानपुर में साहिब का गोदाम पर तैयार होते है। स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा रायपुर भगवानपुर क्षेत्र में ड्रग ड्रग्स फार्मा कंपनी, थाना लक्सर क्षेत्र में गांव पीपला की ड्रग कंपनी व उत्तर प्रदेश जनपद सहारनपुर के कैलाशपुर की फैक्ट्री में ड्रग कंपनी में छापेमारी की गई।
अभी तक कई करोड़ की दवाइयां पूरे भारत में सप्लाई हो चुकी हैं। ब्रांडेड कंपनियों के फर्जी रैपर बनाकर इन दवाइयों को पैक किया जा रहा था। एसटीएफ ने हरिद्वार से लेकर सहारनपुर तक ये कार्रवाई की है। 6 लोगों को हिरासत में भी लिया गया है, जिनसे पूछताछ जारी है। एसटीएफ ने नकली दवाइयों को अपने कब्जे में ले लिया है। 
पूछताछ मैं स्पेशल टास्क फोर्स को ज्ञात हुआ कि थाना भगवानपुर क्षेत्र में पूर्व में बंद हुई इनोवा ड्रग एंड फार्मा कंपनी में पूर्व में गोपनीय टास्क के आधार पर अभियुक्त राशिद खान व नितिन प्रजापति को नकली दवाओं के साथ ऑल्टो कार में 4 लाख की नकली दवाओं के साथ गिरफतार किया गया। जिनके द्वारा बताया गया की वह यह माल पूर्व में बंद पड़ी इनोवा फैक्ट्री के अंदर चोरी छिपकर फैक्ट्री मालिक विशाल व उसके पार्टनर पंकज कुमार द्वारा तैयार किया गया। नकली दवाओं को हेल्पर रोहतास के माध्यम से कोरियर के माध्यम से अलग अलग राज्यों में भेजा जाता हैं। इसके अलावा पंकज द्वारा लक्सर में पीपलहिया गांव में अलग से फैक्ट्री लगाकर तैयार दवाओं की रेपरिंग कर बाजार में बेचा जाता था, तथा नितिन द्वारा सहारनपुर के कैलाशपुर में बिना लाइसेंस के अलग से फैक्ट्री में मशीन लगाकर नकली दवाई बनाकर पूरे देश में बड़े पैमाने में नकली दवाओं की बिक्री करते हैं। । छापे में बरामद नामी कंपनियों की दवा की कीमत पंद्रह लाख से ज्यादा व कच्चे माल की कीमत लगभग एक करोड़ से ज्यादा है।

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