तीर्थ नगरी में त्रिवेंद्र सरकार खोलेगी शराब का ठेका!

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देहरादून: उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार तीर्थ नगरी ऋषिकेश में शराब का ठेका खोलने की तैयारी कर चुकी है,शराब का ठेका खोले जाने को लेकर अबकारी विभाग ने तैयारियां भी पूरी कर ली है। बकायदा ऋषिकेश के ढालवाला क्षेत्र में दुकान खोले जाने का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है। जिसके के लिए 2 करोड राजस्व भी तय किया गया है।

सरकार की मंशा पर सवाल
ऋषिकेश में शराब की दुकान खोले जाने की कसरत की बीच सरकार की मंशा पर सवाल खडे हो रहे हैं कि, आखिर त्रिवेंद्र सरकार को ऐसी कौन-सी मुसीबत आ गई, जो उत्तराखंड की तीर्थ नगरी में शराब का ठेका खुलवाना चाहती है, वह भी तब, जब तीर्थ नगरी में शराब के सेवन पर प्रतिबंध है। सरकार की मंशा पर जो सवाल उठ रहे हैं उससे साफ होता है कि, शराब से मिलने वाले राजस्व को देखते हुए कहीं भी शराब के ठेका खुलवा सकती है।

मुहर पर सबकी नज़रें
ऋषिकेश में शराब की दुकान खोलने को प्रस्ताव तैयार तो गया है लेकिन, सबकी नजरें इस बात पर लगी हुई है कि, क्या वास्तव में जो प्रस्ताव विभाग के द्धारा तैयार कर लिया गया है उस पर सरकार मुहर लगाएगी।

ठेका खुला तो झेलना पड सकता है विरोध
यदि वास्तव में सरकार ने भी तीर्थनगरी में ठेका खोलने के लिए हामी भरी, तो सरकार को इसके लिए भारी विरोध झेलन पड सकता है क्योंकि, कई सामजिक संगठनों के साथ  विरोधी दल भी इससे सरकार पर हमहलावर होंगे और इसका राजनैतिक फायदा उठाने की फिराक में होंगे।

सीएम का दोहरा चेहरा हो सकता है उजागर
एक तरफ जहां सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत देवभूमि में नशे को जड से खत्म करने जैसे बयान सार्वजनिक रूप से देते आए हैं, वहीं दूसरी तरफ यदि ऋषिकेश में ठेका खुला, तो इससे सीएम का दोहरा चेहरा उजागर हो जाएगा,  क्योंकि सीएम जो नशे को खत्म करने की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ तीर्थनगरी में नशे को बढावा देने में सीएम साथ होंगे।

बीजेपी को भी झेलनी होगी किरकिरी
ऋषिकेश में यदि शराब ठेका खुला तो बीजेपी सरकार के साथ बीजेपी संगठन को भी इसका विरोध झेलना होगा। ऐसे में तीर्थगनरी में शराब का ठेका खुलता है तो, उसका विरोध पार्टी के साथ बीजेपी संगठन को भी झेलना पड सकता है। ऐसे में सबकी नजरें बीजेपी सरकार और संगठन पर टिकी हैं कि, ऋषिकेश में शराब का ठेका खोलने को लेकर सरकार और संगठन क्या जवाब देंगे। बहरहाल अब देखना होगा कि क्या ऋषिकेश में सरकार शराब का ठेका खुलवाने में साथ देती है या जो प्रस्ताव आबकारी विभाग के द्धारा तैयार किया गया है उसे खारिज करती है।

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