सरकार की उपेक्षा का शिकार शहीद का परिवार, शहीद के नाम पर बस राजनीति

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पिथौरागढ़: प्रदेश में सरकार के द्वारा शहीदों की उपेक्षा के चलते उनका परिवार दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. बेरीनाग निवासी रहे शहीद शेर सिंह नेगी के परिवार को अब तक सरकार से कोई मदद नहीं मिली है। जी हां हम उसी शेर सिंह की बात कर रहे हैं जो, 1999 में भारत-पाक युद्ध मे शहीद हो गए थे। उनके परिवार को सरकार ने मदद का आश्वासन भी दिया था। साथ ही शहीद परिवार के सदस्यों को नौकरी व उनके गांव तक शहीद के नाम से सड़क और अन्य मूलभूत सुविधाएं देने की बात कही थी, लेकिन आज तक इस परिवार को ऐसा कोई लाभ नहीं मिला है, शिवाय कोरे आश्वासन के। ऐसे में अब सरकार के घोर उपेक्षा के चलते शहीद का परिवार आमरण अनशन करने की बात कर रहे हैं।

प्रदेश में बनने वाली सभी सरकारें राजनीतिक लाभ के लिए तमाम घोषणाएं तो करती रहती हैं, लेकिन इनमें आम जनता से जुड़ी कई घोषणाएं कभी भी धरातल पर नहीं उतर पाती। अब आम जनता भी इसे भली भांति समझने लगी है कि, नेता कोरी घोषणाएं करते रहते हैं, लेकिन शहीदों के नाम पर होने वाली घोषणाओं में सरकारों का रवैया थोड़ा गंभीर रहा है लेकिन, इस मामले में कारगिल शहीद के नाम पर हुई एक घोषणा 20 वर्ष बाद भी पूरी नहीं हो पाई है।

जिले के आमहट गांव के शहीद के नाम पर हुई सड़क निर्माण की घोषणा पूरी नहीं होने से क्षेत्र के लोगों में राजनैतिक दलों को लेकर काफी आक्रोश है। वहीं जिला मुख्यालय पहुंचे शहीद की पत्नी व बच्चों के हाथ मैं 1999 के एक न्यूज पेपर की कटिंग थी, जिसमें शहीद नेगी की खबर छपी हुई थी, उस कटिंग को लेकर शहीद नेगी का परिवार जिला मुख्यालय में दरदर भटकने को मजबूर है।

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