स्वामी राम कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट को राज्य कैंसर इंस्टीट्यूट का दर्जा दिए जाने के आदेश

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नैनीताल: हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में राजकीय मेडिकल कॉलेज के साथ बने स्वामी राम कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट को राज्य कैंसर इंस्टीट्यूट का दर्जा दिए जाने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने मेडिकल, सर्जिकल, गाइनोलॉजिकल व पीडियाट्रिक्स आंकोलॉजिस्ट की नियुक्ति करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए विशेषज्ञों को निर्धारित वेतन से 15 गुना एडवांस इन्क्रीमेंट देने के साथ ही रहने व वाहन आदि की सुविधा देने के निर्देश दिए है। कोर्ट ने संस्थान में 100 छात्रों को प्रवेश देने वाले मेडिकल कॉलेज के अनुसार आवश्यक उपकरण आदि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। वरिष्ठ न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की संयुक्त खंडपीठ के समक्ष  मामले की सुनवाई हुई।

मामले के अनुसार चंद्रशेखर जोशी  हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी व इससे लगे स्वामी राम कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में सुविधाओं के अभाव है।  पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकार को आदेशित किया है कि मेडिकल कॉलेज में न्यूरोलॉजी,गेस्ट्रोलॉजी,नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी व कार्डियोलॉजी विभाग तीन माह के भीतर स्थापित करे, विभागों में इससे आगे तीन महीने में वॉक इन इंटरव्यू के माध्मय से विशेषज्ञों की नियुक्ति करे, मेडिकल कॉलेज में पूरी सुविधाओं के साथ ट्रॉमा सेंटर तीन माह के भीतर स्थापित किया जाए। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कॉलेज में सभी रिक्त पदों पर आगे तीन महीने के भीतर नियुक्ति की जाए। इसमें टीचिंग स्टाफ को प्राथमिकता दी जाए। एमबीबीएस प्रशिक्षण के लिए सभी उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। इसमें एमआरआई, पेट, मेमोग्राफी आदि उपकरण शामिल हैं। कोर्ट ने कहा कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल को पूरी तरह स्वच्छ रखा जाए, जरूरत होने पर इसके लिए आउटसोर्सिंग की जा सकती है।कुमाऊं के सरकारी अस्पतालों में रिक्त चल रहे डाक्टरों के पदों पर चार माह के भीतर नियुक्ति के आदेश दिए हैं। जीवन रक्षक दवा मुफ्त में उपलब्ध हों।अदालत ने सरकार से लोगों के लिए जीवन रक्षक दवा मुफ्त में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि सरकार अस्पतालों के निकट मरीजों के तीमारदारों के लिए सराय व आश्रय स्थलों का निर्माण करे। कोर्ट ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को छह माह बाद मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कालेज सभी मानदंडों को पूरा करता है।

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