सिद्धबली मंदिर परिसर में कब्जा धारकों को परिसर खाली करने के आदेश

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-अरूण कश्यप
हरिद्वार: हरिद्वार के श्यामपुर रेंज में पडने वाले सिद्धबली हनुमान मंदिर भूमि की लीज समाप्ति के बाद जिला वन प्रभागीय न्यायालय ने मंदिर परिसर मे कब्जेधारीयो को परिसर खाली करने के आदेश जारी किए हैं।
विदित हो कि, 1975 में 20 साल की लीज के लिए पितांबरी देवी के नाम पर वन विभाग ने श्यामपुर रेंज मे कुछ भूमि लीज पर दी थी, जिसमें सिद्धबली मंदिर बना हुआ है। जिसकी समय सीमा 1995 में समाप्त हो गई लेकिन वर्तमान तक लीज नविनीकरण नहीं की गई। हालांकि पिताम्म्बरी देवी ने एक अन्य महिला को भूमि की देखरेख के लिए नियुक्त किया, जिसके बाद एक ट्रस्ट बनाया गया। लेकिन ट्रस्ट द्वारा लीज बढ़ाने के लिए कोई विधिवत आवेदन नहीं किया गया।
भारतीय वन अधिनियम 4 की धारा 61 में जिला प्रभागीय वन अधिकारी को अधिकार है कि, वह लीज समाप्त होने पर वन भूमि को खाली करा सकता है, जिसके चलते रेंजर अधिकारी द्वारा एक वाद जिला प्रभागीय वन अधिकारी के न्यायालय में दायर किया गया। जिसके तहत अक्टूबर 2018 में जिला वन अधिकारी हरिद्वार आकाश वर्मा द्वारा बेदखली के आदेश जारी कर दिए गए। जिसके अंतर्गत 30 नवंबर तक मंदिर को छोड़कर बाकी भूमि पर हुए निर्माण को स्वयं ध्वस्त कर भूमि को खाली करने के आदेश दिए थे। साथ ही कहा गया कि, 30 नवम्बर तक खाली कर दिया जाए, अन्यथा कानूनी प्रक्रिया को अपनाते खाली कराया जाएगा। समय मांगे जाने पर मानवीय आधार को ध्यान में रखते हुए प्रभागीय वन अधिकारी द्वारा 30 दिसम्बर तक का समय दे दिया गया।
जिला वन अधिकारी आकाश वर्मा ने बताया कि, अगर निर्धारित समय में सिद्धबली मंदिर को छोड़कर अन्य कब्जेधारी द्वारा कब्जा नहीं हटाए जाते तो कानूनी प्रक्रिया को अपनाते हुए उनसे वन भूमि को खाली कराया जाएगा।
बता दें कि, 25 दिसंबर को धर्मांतरण की अफवाह के बाद सिद्धबली मंदिर चर्चा में आया, जिस में रहने वाले एक तथाकथित नेता ने मंदिर के हॉल में गरीब बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक पर धर्मांतरण का आरोप लगाकर माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया था। लेकिन पुलिस की सूझबूझ के चलते मामले पर काबू पा लिया गया। इस सबके पीछे मंदिर परिसर भूमि मे कब्जे को लेकर चल रहा विवाद बताया जा रहा है।

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