आईआरसीटीसी घोटाला: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लालू परिवार को मिली नियमित जमानत

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नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आईआरसीटीसी घोटाले में आरोपों का सामना कर रहे लालू परिवार को बड़ी राहत दी है। पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को आईआरसीटीसी घोटाले से जुड़े मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और छोटे बेटे तेजस्वी यादव की बेल अर्जी मंजूर करते हुए तीनों को नियमित जमानत दे दी है। माले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी। बता दें कि लालू परिवार पर इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं। अदालत ने तीनों को एक लाख रुपये के बॉन्ड और निजी मुचलके पर जमानत प्रदान की है।

मालूम हो कि चारा घोटाले में सजायाफ्ता आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का अभी रांची के राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के पेइंग वॉर्ड में इलाज चल रहा है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि उनके परिवार को राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया। उन्होंने कहा कि जो-जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जाते हैं उन्हें फंसाया जाता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि हर मामले में न्याय मिलेगी।

दरअसल, यह मामला आईआरसीटीसी द्वारा रांची और पुरी में चलाए जाने वाले दो होटलों की देखरेख का काम सुजाता होटल्स नाम की कंपनी को देने से जुड़ा है। विनय और विजय कोचर इस कंपनी के मालिक हैं। इसके बदले में कथित तौर पर लालू को पटना में बेनामी संपत्ति के रूप में तीन एकड़ जमीन मिली। एफआईआर में कहा गया था कि लालू ने निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया। इसके बदले में उन्हें एक बेनामी कंपनी डिलाइट मार्केटिंग की ओर से बेशकीमती जमीन मिली। सुजाता होटल को ठेका मिलने के बाद 2010 और 2014 के बीच डिलाइट मार्केटिंग कंपनी का मालिकाना हक सरला गुप्ता से राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के पास आ गया। हालांकि इस दौरान लालू रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके थे।

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