दून में सुसाइड नोट छोड़…दिल्ली में तलाश रही थी नौकरी

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देहरादून : पढ़ाई के लिए परिजनों के डांटने पर फर्जी सुसाइड नोट छोड़कर गायब हुई नाबालिग लड़की और उसकी दोस्त को पुलिस ने बरामद कर लिया है। दोनों ही नाबालिक देहरादून में एक ही स्कूल में पढ़ती थी। घर से फरार होने के बाद दोनों नाबालिक लड़कियां दिल्ली में किराये के मकान में रह कर नौकरी की तलाश कर रही थी। नाबालिक लड़कियों ने किसी को पता न चले इसके लिए अपनी स्कूटी और सुसाइड नोट आरकेडिया ग्रान्ट, चाय बगान स्थित कुएं के पास छोड़ दिया था।

पुलिस ने बताया कि 16 फरवरी को महेन्द्र सिंह थापा निवासी बडोवाला, देहरादून ने बसंत विहार थाने पर लिखित तहरीर दी थी कि उसकी 16 वर्षीय नाबालिक पुत्री 16 फरवरी को घर से स्कूल के लिये गयी थी, लेकिन वापस नहीं आई। महेन्द्र की तहरीर पर पुलिस ने अपहरण की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर नाबालिक लड़कियों की बरामदगी के लिए टीम का गठन किया। पुलिस ने बताया कि एसडीआरएफ और फायर टीम ने कुंए की तलाशी ली लेकिन पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा। पुलिस टीम ने आईएसबीटी रेलवे स्टेशन और शहर से बाहर जाने वाले मार्गो की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले। गुमशुदा लड़कियों के दोस्तो एंव स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की। जाँच के दौरान पता चला कि उसी दिन पंडितवाडी निवासी नाबालिक लड़की भी अपनी माँ के एटीएम से पैसे निकालकर लापता हो गयी थी। गुमशुदगी के सम्बन्ध में थाना कैन्ट, देहरादून पर उसके पिता महेन्द्र मिश्रा ने गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करायी थी। टीम ने दोनों गुमशुदा नाबालिक लड़कियों को मापासेडा बार्डर, गली नंबर 3 नई दिल्ली में किराये के मकान से बरामद किया। लड़कियों ने बताया हम दोनों पीताम्बरपुर के एक ही स्कूल में पढ़ते है। उनके परिजन पढाई के लिए डांटते थे। साथ ही दोस्तों के साथ घूमने-फिरने से भी रोकते थे। लेकिन वे दोनों अपनी मर्जी से जीवन व्यतीत करना चाहती थी। इसलिए दोनों ने अपने परिजनों को भ्रमित करने के लिये सुसाईड नोट और स्कूटी को कुएं के पास छोड़ दिया था। पुलिस ने दोनों बरामद लड़कियों को न्यायालय में बयान दर्ज कराने के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया।

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