RTI में कालेधन पर स्विट्जरलैंड से मिली जानकारी नहीं देगी सरकार, गोपनीयता का दिया हवाला

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नई दिल्ली। कालेधन का मुद्दा लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) के दौरान भी छाया हुआ है। इस बीच खबर आ रही है कि केंद्र सरकार ने स्विट्जरलैंड के कालेधन को लेकर प्राप्त जानकारी को साझा करने से इनकार कर दिया है। सूचना के अधिकार (RTI) के तहत पूछे गए सवालों के जवाब में वित्त मंत्रालय ने गोपनीयता का हवाला देते हुए कहा कि भारत और स्विट्जरलैंड कालेधन पर सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं और इसके मुताबिक, जांच चल रही है, ये प्रक्रिया अभी जारी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक आरटीआई के जवाब में मंत्रालय ने कहा कि स्विट्जरलैंड से कालेधन पर प्राप्त सूचनाएं गोपनीयता के दायरे में आती हैं। दरअसल, आरटीआई के जरिए ब्लैकमनी से जुड़े मामले की जानकारी वित्त मंत्रालय से मांगी गई थी। इसमें कंपनियों और व्यक्तियों के नाम और उनसे जुड़े एक्शन के बारे में भी जानकारी मांगी गई थी।

मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि दोनों देशों के बीच वित्तीय खातों से जुड़ी जानकारियां साझा करने की सहमति है। इस समझौते पर 22 अक्टूबर 2016 को हस्ताक्षर हुए थे। मंत्रालय ने ये भी कहा है कि आवश्यक कानूनी प्रावधान किए जा चुके हैं और वहां मौजूद भारतीय खातों की जानकारियां 2019 से मिलने लगेंगी।

मंत्रालय ने कहा कि इससे स्विट्जरलैंड में भारतीयों की बेनामी संपत्ति और कालेधन का पता लगाना आसान हो जाएगा। मंत्रालय की तरफ से ये भी बताया गया है कि देश के भीतर और बाहर कितना कालाधन है, इसको लेकर अनुमान नहीं उपलब्ध है। मंत्रालय से अन्य देशों से कालेधन के मामलों की जानकारी भी मांगी गई थी जिसपर मंत्रालय ने बताया है कि फ्रांस से समझौते के तहत सभी 427 एचएसबीसी बैंक खातों से जुड़े मामलों की जांच प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इन मामलों में करीब 8465 करोड़ रु के बेनामी राशि को टैक्स के दायरे में लाया गया।

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