जियो इंस्टिट्यूट विवाद को लेकर एचआरडी मंत्रालय ने दी ये सफाई…

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को ‘इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस’ की लिस्ट जारी की गई थी। जिसमें छह विश्वविद्यालयों को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा दिया गया है। इनमें तीन सरकारी और तीन प्राइवेट विश्वविद्यालय शामिल हैं। बता दें कि  जिन विश्वविद्यालयों को उत्कृष्ठ संस्थान का दर्जा दिया गया उनमें एक जियो इंस्टीट्यूट भी शामिल है, जो अभी लांच भी नहीं हुआ है।

वहीं केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से छह इंस्टीट्यूट को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा देने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कॉरपोरेट फ्रेंड्स को फायदा पहुंचाने की कोशिश की है। वहीं कांग्रेस द्वारा उठाये गए सवाल को लेकर एचआरडी मंत्रालय ने पूरे मामले पर सफाई दी है। है कि यूजीसी रेगुलेशन 2017, के क्लॉज 6.1 के मुताबिक इस प्रोजेक्ट में बिल्कुल नए संस्थानों को भी शामिल किया जा सकता है। एचआरडी मंत्रायल ने सफाई देते हुए कहा कि जियो इंस्टीट्यूट को तीसरी कैटिगरी ग्रीनफील्ड कैटिगरी के तहत चुना गया है। इस कैटिगरी के तहत नए संस्थानों को भी शामिल किया जा सकता है। इसका उद्देश्य नए संस्थानों को प्रोत्साहित करना है जो विश्व स्तर पर शिक्षा देने में सक्षम हैं। जियो इंस्टीट्यूट रिलायंस फाउंडेशन का एक संस्थान है और फाउंडेशन ने इसका प्लान तैयार कर लिया है। माना जा रहा है कि यह संस्थान अगले तीन साल में शुरू हो सकता है और अगर ऐसा नहीं हुआ तो इससे यह दर्जा वापस भी लिया जा सकता है।

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