आईडीपीएल ने वापस की करीब 834 एकड़ भूमि, होगा एम्स का विस्तार एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कन्वेंशन सेंटर स्थापित

Please Share

देहरादून: मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व केंद्रीय मंत्री रसायन एवं उर्वरक अनंत कुमार ने डोईवाला सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सिपेट) कौशल विकास एवं तकनीकी सहयोग (सीएसटीएस) केंद्र का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने नए सिपेट भवन का भी शिलान्यास किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डोईवाला में एक प्लास्टिक रिसाईकिल यूनिट की स्थापना भी की जाएगी। आईडीपीएल की 899 एकड़ भूमि में से 833.25 एकड़ भूमि केंद्र द्वारा राज्य सरकार को वापिस कर दी गई है। द्वाराहाट मे भी एक सिपेट की स्थापना की जाएगी। इसी प्रकार सितारगंज में प्लास्टिक मेडिकल डिवाईसेज पार्क की स्थापना की जाएगी।

केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सिपेट का महत्व आईआईटी के समान ही है। यहां के बच्चों को 100 प्रतिशत कैम्पस प्लेसमेंट मिलेगा। देश में वर्तमान में 8 लाख प्लास्टिक इंजीनियर्स की मांग है। इसी प्रकार पूरी दुनिया में भारी संख्या में इनकी मांग है। डोईवाला में प्रारम्भ किए गए सिपेट में पहले वर्ष 1500, दूसरे वर्ष 2500 व तीसरे वर्ष 3000 युवाओं को प्रशिक्षण मिलेगा। उन्होंने बताया कि यहां प्लास्टिक इंजीनियरिंग में बीटेक भी प्रारम्भ करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंन बताया कि देहरादून में शुरू किया गया यह देश का 32वां सिपेट केंद्र है।

केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री के आग्रह पर द्वाराहाट में भी सिपेट की स्वीकृत की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सिपेट, डोईवाला में एक प्लास्टिक रिसाईकिल यूनिट की स्थापना की जाएगी। सितारगंज में प्लास्टिक मेडिकल डिवाईसेज पार्क की स्थापना की जाएगी। इसके माध्यम से 5 हजार से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होगा।  केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के निर्देश पर आईडीपीएल की 899 एकड़ भूमि में से 833.25 एकड़ भूमि केंद्र द्वारा राज्य सरकार को वापिस कर दी गई है।  बाकि बची भूमि पर आईडीपीएल चलता रहेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस बाबत मुख्यमंत्री को पत्र भी सौंपा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि आज का दिन उत्तराखण्ड के लिए काफी ऐतिहासिक है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रधानमंत्री व केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज आईडीपीएल की 833.25 एकड़ भूमि उत्तराखण्ड को निशुल्क मिली है। प्राप्त भूमि में से 200 एकड़ भूमि एम्स के विस्तार के लिए प्रयोग की जाएगी। जबकि बाकी भूमि पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खूबसूरत व देवभूमि की गरिमा के अनुरूप कन्वेंशन सेंटर स्थापित किया जाएगा।

You May Also Like