दुशमनों के छक्के छुड़ाने को भारत तैयार! खरीदने को तैयार 6 अपाचे

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भारत देश जिस तरह तरक्की के नक्शे कदमों पर है उससे लगातार उसके दुश्मनों की संख्या भी बढ़ने लगी है। भारत और पाकिस्तान का तो पहले से ही छत्तीस का आंकड़ा रहा है, वही यह आंकड़ा अब भारत का चाइना के साथ भी बढ़ता जा रहा है।

इसी सब के मध्यनजर रक्षा मंत्रालय ने भारतीय थलसेना के लिए छह अपाचे (एचए64-ई) अटैक हैलिकापटर खरीदने के लिए मंजूरी दे दी है। हेलिकॉप्टरों की खरीद पर 4,168 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।

जिस प्रकार भारत ने ये हैलिकॉपटर खरीदने के लिए मंजूरी दी है उससे कहा जा सकता है कि ये युद्ध जैसी स्थिति में सीमाओं पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

आइए बताते हैं आपको अपाचे की खासियत….

अपाचे को अमेरिकी सेना के एडवांस्‍ड अटैक हेलीकॉप्‍टर प्रोग्राम के लिए डेवलप किया गया था। उस समय अमेरिकी सेना एएच-1 कोबरा हेलीकॉप्‍टर को प्रयोग करती थी। अपाचे ने पहली उड़ान 30 सितंबर 1975 को भरी थी। अपाचे को 1981 तक एएच-64 नाम से जाना जाता था। इसे 1981 के अंत में अपाचे नाम दिया गया। अमेरिकी सेना में उस समय अपने हेलीकॉप्‍टरों का नाम अमेरिकी भारतीय जनजातीय नामों पर रखती थी। अप्रैल 1986 में अपाचे को अमेरिकी सेना में शामिल किया गया।

आज ये हेलीकॉप्टर अमेरिकी सेना के अलावा इजरायली वायुसेना, इजिप्टियन वायुसेना और नीदरलैंड की आर्मी इस्तेमाल करती है। इजरायल इसी हेलीकॉप्टर की मदद से गजा पट्टी में अपने दुश्मनों पर कहर ढाती रही है। इस हेलीकॉप्टर में 30 एमएम गन लगी हुई है, जो बहुत ही घातक होता है। अपाचे में फिट सेंसर की मदद से यह अपने दुश्‍मनों को आसानी से तलाश कर उन्‍हें खत्‍म कर सकता है। साथ ही इसमें नाइट विजन सिस्‍टम भी इंस्‍टॉल हैं। इसमें 30 मिलिमीटर की एक एम230 चेन गन को मेन लैंडिंग गियर के बीच इंस्‍टॉल किया गया है और यह हेलीकॉप्‍टर की स्‍ट्राइकिंग कैपेसिटी को दोगुना करती है। अपाचे हेलीकॉप्टर में एजीएम-114 हेलीफायर मिसाइल लगे हैं, तो हाइड्रा 70 रॉकेट पॉड्स भी लगे हैं। अमेरिका ने इन हेलीकॉप्टरों का इराक और अफगानिस्तान में सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया है।

ये हेलीकॉप्टर 293 किमी प्रतिघंटे की हिसाब से उड़ सकता है। अपाचे की पूरी लंबाई 18 मीटर है, जिसमें दो पंख लगे हैं। अपाचे हेलीकॉप्टर में टर्बोसाफ्ट इंजन लगे हैं। इसका वजन 5,165 किलो है। जिसमें 2 सीटें हैं। अपाचे को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह वॉर जोन में लड़ाई के समय जरा भी फेल न हो। अपाचे दुनिया के उन चुनिंदा हेलीकॉप्‍टर में शामिल है जो किसी भी मौसम या किसी भी स्थिति में दुश्‍मन पर हमला कर सकता है।

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