इन न्यायाधीश ने बनाया कीर्तिमान, 15 साल में निपटाए 1.25 लाख मुकदमें, अब अयोध्या केस का सुनायेंगे फैसला

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प्रयागराज: देश की अदालतों में लंबित मुकदमों और न्याय मिलने में देरी की चर्चाओं के बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने मुकदमों के निस्तारण के मामले में नया रिकॉर्ड बनाया है। न्यायमूर्ति सुधीर ने 15 साल के कार्यकाल में 31 अक्टूबर 2019 तक कुल 1,30,418 मुकदमों का निपटारा किया है। वो देश के एकमात्र न्यायाधीश हैं, जिन्होंने इतने मुकदमों पर फैसला देने का रिकार्ड बनाया है। और सबसे बड़ी बात ये कि इन्होंने कई बड़े चर्चित मामलों का निपटारा किया है किया है।

चर्चित निर्णय

  • मंत्रियों और सरकारी अफसरों के बच्चों को सरकारी प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने का निर्देश दिया
  • शंकरगढ़ की रानी से 45 गांव मुक्त कराने का आदेश दिया
  • ज्योतिष पीठ में शंकराचार्य पद के विवाद पर निर्णय सुनाया
  • सरकारी कर्मियों को सरकारी अस्पताल में ही इलाज कराने का निर्देश दिया
  • श्रीराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर निर्णय सुनाकर ख्याति अर्जित की

न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल  मूलरूप से फिरोजाबाद के रहने वाले हैं और इनकी स्नातक आगरा विश्वविद्यालय से किया है। इसके बाद मेरठ विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की। और पांच अक्टूबर 1980 से उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में वकालत करके करियर की शुरुआत की। फिर 9 सितंबर 2003 को उत्तर प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता नियुक्त किए गए। फिर अप्रैल 2004 को उनको वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया। अग्रवाल ने पांच अक्टूबर 2005 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के अपर न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। इसके बाद 10 अगस्त 2007 को वह हाईकोर्ट के नियमित जज नियुक्त किए गए।

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