हेलीकॉप्टरों ने टेंडर के बावजूद नहीं भरी उड़ान, मायूस लौटे श्रदालु

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जम्मू-कश्मीर: हेलीकॉप्टरों के उपलब्ध न होने चलते हुद माता यात्रा के यात्रियों को मायूस ही वापस लौटना पड़ा। हुद माता यात्रा के लिए दूसरे दिन भी हेलीकॉप्टरों ने यहाँ उड़ान नहीं भरी। जिससे चलते यात्री अपने घरों को लौट गए।  बता दें, किश्तवाड़ जिले के हुद माता यात्रा के लिए प्रशासन ने हेलीकॉप्टर सेवा मुहैया करवाने के लिए टेंडर करवाए थे, जिसमें हेरिटेज और पवन हंस कंपनियों ने टेंडर भरा था। यह हेलीकॉप्टर 18 जुलाई से 23 जुलाई तक चलनी थे, लेकिन 18 और 19 को हेलीकॉप्टर ना आने पर प्रशासन ने दोनों कंपनियों पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कार्यवाही की है। दोनों कंपनियों पर 50-₹50 हजार जुर्माना लगाया। जानकारी के मुताबिक इसके बाद 20 जुलाई को हेलीकॉप्टर आया और पहले ही ट्रायल लैंडिंग में डीसी किश्तवाड़ को अपने साथ ले गया, वह डीसी को कोकूट में छोड़कर वापस आया और उसके बाद वहां हेलीकॉप्टर नहीं गया। जिसके चलते शुक्रवार से डीसी दक्षिण के कोकूट में फंसे हुए हैं। ऐसे में डीसी किश्तवाड़ अब पैदल चलकर किश्तवाड़ पहुंच रहे हैं। अब देखना होगा कि, डीसी किश्तवाड़ पहुंचने के बाद कंपनियों पर क्या कार्यवाही करते हैं।

ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि, हेलीकॉप्टर कंपनियों का डीसी के साथ यह रवैया है तो आम यात्रियों के साथ क्या रवैया होगा। इसका अनुमान लगाया जा सकता है। वहीं शनिवार को भी किसी भी कंपनी के हेलीकॉप्टर ने खुद माता यात्रा के लिए उड़ान नहीं भरी और सैकड़ों लोग मायूस होकर लौट गए। जानकारी के मुताबिक, लौटने वालों में दक्षिणी इलाके के वह लोग शामिल थे जो कि नाइजीरिया में काम करते हैं और वहां से छुट्टी लेकर खुद माता की यात्रा के लिए आए थे।

ऐसे में दो महीने पहले टेंडर पाने वाली हेरिटेज एविएशन और पवन हंस कंपनी पर कई सवाल खड़े होते हैं, कि जिन्होंने बकायदा रेट भी फिक्स किए थे लेकिन बाद में बहानेबाजी कर हेलीकॉप्टर नहीं चलाए। इसके आलावा अब 25 जुलाई से मचैल यात्रा भी शुरू होनी है और बहुत सारे लोगों ने टिकट एडवांस में भी लिया है, अब देखना होगा है कि हेली कंपनीयों का इन यात्रियों के साथ क्या रुख रहता है।

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