देहरादून सिटी बस सेवा संघ ने नए मोटर व्हीकल एक्ट में मांगी राहत

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देहरादून: महानगर सिटी बस सेवा संघ ने परिवहन मंत्रालय से मोटरयान अधिनियम संशोधन 2019 के अन्तर्गत जर्माना बढ़ायी गई राशि की कुछ धाराओं में  शुल्क कम करने , कन्डक्टर की योग्यता को ड्राईवर की योग्यता की तरह समाप्त करने एवं डाईवर द्वारा शराब पीकर वाहन को दुर्घटनाग्रस्त करने तथ्या को ध्यान में रखते हए मोटर वाहन स्वामियों की गाडी सीज में रियायत देने की मांग की है।

संघ अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने कहा कि मोटरयान अधिनियम संशोधन 2019 के अन्तर्गत धारा – 179 में जुर्मार्ना 500 से अधिकतम 2000 है उसमें शासन द्वारा प्रश्नमन शुल्क अधिकतम 2000 / – रू ही रखा गया है । धारा – 179 में अधिनियम में पलिस एवं परिवहन विभाग द्वारा इसका अत्यधिक उपयोग किया जाता है तो व्यक्ति द्वारा छोटे अपराध करने में 2000 / – रू0 से यहां की जनता में अनावश्यक बोझ डाला गया हैं । इसलिए इस धारा के प्रश्नमन शुल्क को 500 / – रू0 ही रखकर यहां की जनता को मक्ति दिलायी जाये । उत्तराखण्ड मोटरयान नियमावली – 2011 के रूल्स – 21 में रखा गया है कि परिचालक ( कन्डक्टर ) की योग्यता 10वीं पास होनी चाहिए । लेकिन हमारी स्टेज कैरिज सिटी बसों का दायरा कम कि०मी० का है व सस्ता किराया होने से हम मोटर व्यवसाईयों की भासदनी भी कम है । और न ही हमारी बसे राज्य सरकार के अधीन संचालित होती है।

उन्होंने कहा कि देहरादून शहर में यात्रियों के लिए बिना किसी रूकावट के हम सस्ती सुविधा प्रदान कर सके इसके लिए  बसों में परिचालक की हाईस्कूल योग्यता  बाध्यता को समाप्त किया जाये । स्टेज कैरिज सिटी बसों में यात्री खड़े होकर यात्रा का वहन करते है । इसलिए हमें 194 – ख में सीट बैल्ट की धारा के अन्तर्गत प्रश्मनशुल्क से मुक्त किया जाये । धारा – 185 के अन्तर्गत यदि ड्राईवर के शराब पीकर वाहन चलाते हुए वाहन दर्घटनाग्रस्त हो जाता है तो उस स्थिति में ड्राईवर के साथ गाड़ी सीज करने का प्रावधान था जिसमें पहले ड्राईवर की जमानत के बाद ही बस को छोड़ा जाना निश्चित है उस ड्राईवर की शराब पिये हुए अवस्था में ड्राईवर का यान दुर्घटनाग्रस्त करने पर डाईवर से पहले अपने वाहन को छुडाने का प्रावधान मोटर व्यवसायियों के लिए रखा जाये । जिसमें ड्राईवर की गलती की सजा मोटर व्यवसायियों को क्यों भुगतनी पड़े । उन्होंने मांग की है कि शासन द्वारा संज्ञान लेकर मोटर व्यवसाईयों को राहत प्रदान की जाये।

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