Cyber Crime: डेढ़ साल में राज्य वित्तीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 द्वारा अब तक बचाए गए अनुमानित 3.73 करोड़ रूपये

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देहरादून, उत्तराखंड, दिनांक 13-12-2022: भारत सरकार द्वारा पूर्व में वित्तीय साईबर शिकायतों हेतु 155260 हेल्पलाईन नबंर का संचालन किया जा रहा था। उत्तराखण्ड राज्य द्वारा हेल्पलाईन नबंर का शुभारम्भ 17 जून 2021 को किया गया था जिसमें अभी तक कुल 14643 शिकायतें दर्ज हुई है और वित्तीय साईबर हेल्पलाईन की मदद से आम-जनमानस के करीब 3.73 करोड़ रूपये की धनराशि को बचाया सका है । साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन द्वारा बैंकों/गेटवे/वॉलेट के सम्बन्धित अधिकारियों से संपर्कं कर मैन्युअली पैसा रिफंड करवाने का भी प्रयास किया जाता है, जिनमें 3 बड़े मामले शमिल है।
शिकायतकर्ता अनुराधा भसीन निवासी बसंत विहार देहरादून, उत्तराखंड द्वारा शिकायत दर्ज की गयी थी, जिसमें अज्ञात व्यक्ति द्वारा स्वयं को बैंक अधिकारी बताकर शिकायतकर्ता के अकाउंट की केवाईसी अपडेट करने के नाम पर बैंक की डिटेल प्राप्त करके अकाउंट से कुल 21,00,000/- रुपए की धनराशि धोखाधड़ी कर निकाल दी गई थी। महीने का अंतिम शनिवार होने के कारण बैंक बंद था, जिस कारण आवेदिका को अपनी ट्रांजैक्शन की प्रॉपर डिटेल नहीं प्राप्ति हो पाई थी, जिसमें साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन द्वारा कार्यवाही करते हुए सम्बन्धित बैंक अधिकारियों से सम्पर्क कर शिकायतकर्ता की 19,24,000/- धनराशि शिकायतकर्ता के खाते में वापस करायी गयी।
शिकायतकर्ता मोहित बब्बर निवासी रूद्रपुर, उधम सिंह नगर के द्वारा शिकायत दर्ज की गयी थी, जिसमें शिकायतकर्ता के खाते से बिना उसकी जानकारी के 11 लाख 60,000 की धनराशि आहरित हो गई थी, जिसमें साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन द्वारा कार्यवाही करते हुए सम्बन्धित बैंक अधिकारियों से सम्पर्क कर शिकायतकर्ता की संपूर्ण 11 लाख 60,000 की धनराशि शिकायतकर्ता के खाते में वापस करायी गयी।

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शिकायतकर्ता गोविन्द सिंह सजवान निवासी देहरादून द्वारा 1930 पर जानकारी दी गयी कि अज्ञात व्यक्ति के द्वारा पैन कार्ड अपडेट करने के नाम पर लिंक भेजकर 4, लाख 50 हजार रुपए की धोखाधड़ी की गई थी, जिस पर साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए सम्बन्धित नोडल अधिकारी से सम्पर्क कर शिकायतकर्ता की संपूर्ण 4,50,000 रुपए की धनराशि वापस करायी गई।
पूरे प्रदेश में जनता को साइबर हेल्पलाईन की मदद से वित्तीय धोखाधड़ी की सूचना देने/ धोखाधड़ी से हुए आर्थिक नुकसान को बचाने में बहुत सहायता मिली है । 1930 को 112 तथा उत्तराखण्ड पुलिस ऐप से जोड़ा गया है। साइबर पुलिस कंट्रोल रूम 1930 पूर्व में 3 लाइनों से जुड़ा था जो अब 5 लाइनों से जोड़ा गया है, जिसमें 24 घण्टे, तीन शिफ्टो में पुलिस कर्मचारी कार्य करते है। प्रत्येक शिफ्ट में 03 पुलिस कर्मचारी कार्यरत रहते है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड द्वारा जनता से अपील की गयी है कि सभी लोग बढ़ चढ़कर हेल्पलाईन नंबर 1930 का प्रचार-प्रसार करें, जिससे समाज के हर वर्ग के व्यक्तियों को साईबर अपराध से लड़ने हेतु जागरूकता प्राप्त हो सके तथा अतिशीघ्र वित्तीय साईबर अपराधों की रिपोर्टिंग हो सके। उनकी जनता से अपील की है, कि वे ऑनलाइन सामान की खरीददारी करते हुये अधिकृत वैबसाइट से ही सामान खरीदे व किसी भी प्रकार के लोभ लुभावने अवसरो/ फर्जी साइट/ धनराशि दोगुना करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें। किसी भी ऑनलाइन ट्रेडिग साइट व लॉटरी एवं ईनाम जीतने के लालच में आकर धनराशि देने तथा अपनी व्यक्तिगत जानकारी व महत्वपूर्ण डाटा शेयर करने से बचना चाहिये। किसी भी प्रकार का ऑनलाईन ट्रेडिग लेने से पूर्व उक्त साइट की पूर्ण जानकारी व स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें। कोई भी वित्तीय साइबर धोखाधड़ी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर हेल्पलाईन 1930 या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें।

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