मुख्य सचिव के शपथपत्र को हाइकोर्ट ने बताया शब्दों की बाजीगरी

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नैनीताल: हाईकोर्ट ने रूद्रपुर में 551.89 एकड नजूल भूमि पर हुए अतिक्रमण के मामले में विशेष अभियान चलाकर अतिक्रमणकारियों को तीन सप्ताह का नोटिस देकर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करने के निर्देश ‌दिए हैं। कोर्ट ने मुख्य सचिव की ओर से दाखिल शपथपत्र को पुराने शपथपत्रों का दोहराव और केवल शब्दों की बाजीगरी बताते हुए अतिरिक्त समय की सरकार की मांग को खारिज कर दिया।

कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश राजीव शर्मा एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार रूद्रपुर निवासी सेवा राम ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था ‌कि रूद्रपुर नगरनिगम की 551 एकड भूमि में 14 हजार से अधिक कच्चे व पक्के मकान बने हैं। सरकार ने वर्ष 2008-09 में सर्वे कर अतिक्रमणकारियों को चिन्हित भी किया था। इसी सर्वे के आधार पर हाईकोर्ट ने नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में मुख्य सचिव की ओर से हाईकोर्ट में शपथपत्र दाखिल कर कहा गया था‌ कि अतिक्रमण हटाने के लिए एक वर्ष का समय दिया जाए। जिसमें आठ माह अतिक्रमण को चिन्हित करने व चार माह अतिक्रमण हटाने के लिए चाहिएं। कोर्ट ने कहा कि जो सर्वे वर्ष 2008-09 में हुआ था उसी आधार पर अतिक्रमण को हटाया जाए। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि अतिक्रमणकारियों को तीन सप्ताह का नोटिस देकर उनकी आपत्ति लें और उसके बाद आवश्यक कार्यवाही करें। कोर्ट ने कहा कि इसी के साथ नए अतिक्रमण का सर्वे भी चार माह के भीतर पूरा करें और 2009 के बाद के मामलों में उसके अनुरूप कार्यवाही करें कोर्ट ने नजूल भूमि से हटाए जाने वाले एससीएसटी श्रेणी के अतिक्रमणकारियों का प्रधानमंत्री आवास योजना में पुर्नवास करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने राज्य के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश को इस अतिक्रमण हटाओ अभियान का नोडल अफसर बनाए जाने को कहा है।

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