जीएसटी काउंसिल बैठक: छोटे कारोबारियों को जीएसटी दायरे से किया बाहर

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नई दिल्ली: जीएसटी परिषद की 32वीं बैठक में वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद ने कंपोजिशन स्‍कीम का लाभ उठाने के लिए सालाना कारोबार सीमा को मौजूदा एक करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपए कर दिया है। यह नया नियम एक अप्रैल, 2019 से प्रभावी होगा। अब सालाना 1.5 करोड़ रुपए टर्न ओवर वाली व्‍यापारिक इकाईयां जीएसटी के तहत कंपोजिशन स्‍कीम का लाभ ले सकती हैं। इसके अलावा जीएसटी परिषद ने कंपोजिशन स्‍कीम के लिए वार्षिक रिटने और तिमाही कर भुगतान को भी मंजूरी दे दी है। अब कंपोजिशन स्‍कीम लेने वाले व्‍यापारियों को साल में एक बार रिटर्न भरना होगा और उन्‍हें कर का भुगतान भी तिमाही आधार पर करने की सुविधा होगी।

जीएसटी परिषद की 32वीं बैठक के बाद वित्‍त मंत्री ने बताया कि इसके अलावा सेवा और वस्‍तु एवं सेवा दोनों प्रदान करने वाली ऐसे कारोबार जिनका वार्षिक टर्नओवर 50 लाख रुपए है, वह भी कंपोजिशन स्‍कीम का लाभ लेने के पात्र होंगे। कंपोजिशन स्‍कीम के तहत सेवाओं के लिए दर अब 6 प्रतिशत होगी, जो कि पूर्व में सर्विस टैक्‍स और जीएसटी की तुलना में कम है। जेटली ने कहा कि परिषद टैक्‍स रेट में और कटौती पर अब तभी विचार करेगी जब राजस्‍व में वृद्धि होगी।

जीएसटी से छूट के लिए सालाना कारोबार सीमा को बढ़ाकर भी 40 लाख रुपए किया गया है, पहले यह सीमा 20 लाख रुपए थी। पूर्वोत्तर राज्यों के लिए यह सीमा 20 लाख रुपए रखी गई है। जीएसटी परिषद ने केरल को दो साल के लिए राज्य के भीतर बिक्री पर एक प्रतिशत का उपकर लगाने की अनुमति दी है। जीएसटी परिषद में रीयल एस्टेट तथा लॉटरी पर जीएसटी को लेकर मतभेद सामने आने के बाद इसपर विचार करने के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया है। अब यह समूह इस पर अपनी रिपोर्ट परिषद को सौपेंगा।

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