चक्रवाती तूफान तितली का खतरा, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में अलर्ट जारी

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भुवनेश्वर: चक्रवाती तूफान तितली ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है। तितली बंगला की खाड़ी की तट की ओर बढ़ रहा है। ओडिशा के तट से करीब 300 किलोमीटर की दूरी है। पिछले 6 घंटे से 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ा रहा है। मौसम विभाग ने बताया कि तितली के 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ गुरुवार सुबह तक ओडिशा के गोपालपुर और आंध्र प्रदेश के कलिंगापत्तनम के बीच पहुंचने की संभावना है।

ओडिशा सरकार ने इसके तांडव का अनुमान लगाकर पांच तटीय जिलों में लोगों से घरों खाली करने को कहा है। तटीय ओडिशा के कुछ इलाकों में बुधवार को बारिश हुई। मौसम विभाग ने गुरुवार तक कई इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा और कुछ इलाकों में बहुत ज्यादा भारी बारिश का अनुमान जताया है। मौसम विभाग ने बताया कि गंजम, गजपति, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, खुर्दा, नयागढ़, कटक, जाजपुर, भद्रक और बालासोर जैसे जिलों में गुरुवार तक भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। तूफान तितली को देखते हुए शाम 6.40 बजे से हैदराबादध्विशाखापत्तनम और दुव्वदा से ट्रेनें नहीं चलेंगी। शाम आठ बजे से खुर्दा रोड और विजयनगरम खंड के बीच ट्रेनों के परिचालन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है।

हावड़ा-खड़गपुर से अप ट्रेनें और भदड़क से शाम 5.15 से अगले आदेश तक ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगा दी गई हैं। तितली के विकराल रूप को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हालात का जायजा लिया। उन्होंने गंजम, पुरी, खुर्दा, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जिलों के कलेक्टरों से तटीय क्षेत्र में निचले इलाकों में रह रहे लोगों से तुरंत घर खाली कराने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी हताहत ना हो और आपदा के दौरान लोगों के रहने के लिए चक्रवात शरणार्थी शिविरों को तैयार रखने के लिए कहा है। चक्रवात “तितली” के गुरुवार को करीब साढ़े पांच बजे पहुंचने की संभावना है।

अभी तक करीब 1,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। उन्होंने कहा कि चक्रवात पहुंचने के दौरान समुद्र में करीब एक मीटर ऊंची लहरें उठने के भारतीय मौसम विभाग के अनुमान के मद्देनजर तुरंत स्थान खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मुख्य सचिव ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) के कर्मियों को पहले ही संवेदनशील जिलों में तैनात कर दिया गया है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, श्हमने अभी तक सेना की मदद नहीं मांगी है। अगर जरूरत पड़ी तो हम सहायता मांगेंगे।

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