निकायों के सीमा विस्तार पर हाईकोर्ट का भाजपा सरकार को बड़ा झटका

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नैनीताल: प्रदेश में निकायों के सीमा विस्तार करने के सरकार के दोनों शासनादेशों को निरस्त करते हुए हाई कोर्ट ने पुन: जन सुनवाई करने के आदेश दिये हैं। हाईकोर्ट ने निकायों के सीमा विस्तार को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के बाद आज शुक्रवार को आदेश पारित किया कि, सरकार नगर पालिकाओं व नगर निगम के सीमा विस्तार के लिए पुन: शासनादेश जारी कर जन सुनवाई का मौका ग्रामीण क्षेत्रों को दें।

मुकदमें में पैरवी कर रहे वादी संघर्ष समिति कोटद्वार के अधिवक्ता रमन शाह ने बताया कि अदालत ने आज शुक्रवार को आदेश जारी किया है कि उत्तराखण्ड सरकार 24 घंटे के अंदर नगर निकायों के विस्तार के लिए जन सुनवाई का नया शासनादेश जारी करे। शासनादेश में जन सुनवाई के लिए एक सप्ताह का समय निश्चित किया जायेगा। उसके बाद सरकार एक सप्ताह में जन सुनवाई के दौरान दर्ज आपत्तियों का निस्तारण करेगी और उसके बाद स्टेटस रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करेगी। बीते गुरूवार को न्यायालय ने याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता से पूछा कि सरकार द्वारा परिसीमन करते समय प्रभावित लोगों को सुनवाई का मौका क्यों नहीं दिया गया। महाधिवक्ता ने इस मामले में सरकार की ओर से स्थिति साफ करने के लिए एक दिन का वक्त मांगा। आज शुक्रवार को कोर्ट ने इस मामले में यह निर्णय सुनाया।

याचिकाकर्ताओं का कहना था कि सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर राज्य के तमाम गांवों का परिसीमन कर उन्हें निकायों में शामिल किया जा रहा है और ग्राम प्रधानों पर बस्ते जमा करने का दबाव डाला जा रहा है। आपको बता दें कि पूर्व में कोर्ट ने मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। इन याचिकाओं में भवाली क्षेत्र के प्रधान संजय जोशी, हल्द्वानी के ब्लॉक प्रमुख भोला दत्त भट्ट, गाम पंचायत बाबूगढ़, संघर्ष समिति कोटद्वारा, पिथौरागढ़ की दौला वास्ते, नेडा धनोरा समेत 12 दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने सरकार के आदेश को चुनौती दी है। याचिकाओं में कहा गया है कि सरकार द्वारा उन्हें सुनवाई का मौका तक नहीं दिया गया। बिना सुनवाई के ही  ग्रामीण क्षेत्रों को निकायों में शामिल किया जा रहा है, जो नियम के विरुद्ध है। साथ ही यह भी कहा गया है कि निकायों के सीमा विस्तार व निकायों में ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल करने के मामले में तय प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। आपको बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद अगली सुनवाई शुक्रवार के लिए नियत कर दी थी।

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