भारत-पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर पर समझौता, प्रत्येक श्रद्धालु को चुकाने होंगे 1420 रुपए

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अटारी: भारत और पाकिस्तान ने बहुप्रतीक्षित करतारपुर कॉरिडोर समझौते पर गुरुवार को हस्ताक्षर कर दिए। दोनों पक्षाें के बीच सीमा पर जीरो लाइन पर मुलाकात हुई और समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। भारतीय प्रतिनिधि का नेतृत्व गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने किया जबकि पाकिस्तान की तरफ से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल मौजूद रहे। करतारपुर जाने के लिए श्रद्धालुओं को करीब 1420 रुपए चुकाने होंगे।

एससीएल दास ने समझौते के बाद कहा, “पाकिस्तानी पक्ष श्रद्धालुओं को लंगर और गुरुद्वारा परिसर में प्रसाद वितरित किए जाने पर सहमत हो गया है। हमारी तरफ से राजमार्ग निर्माण, यात्री टर्मिनल इमारत के निर्माण समेत सभी आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कार्य समय पर पूरा हो जाएगा। समझौते पर हस्ताक्षर होने के साथ ही करतारपुर साहिब कॉरिडोर के संचालन का फ्रेमवर्क पूरा कर लिया गया। श्रद्धालु आज से prakashpurb550.mha.gov.in पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। सभी भारतीय और भारतीय मूल के श्रद्धालु करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल कर सकेंगे। श्रद्धालु करतारपुर की वीजा फ्री यात्रा कर सकेंगे। उन्हें बस एक वैध पासपोर्ट की आवश्यकता पड़ेगी। श्रद्धालु सुबह यात्रा प्रारंभ करेंगे और उसी दिन वापस लौट जाएंगे। यह कॉरिडोर पूरे साल खुला रहेगा। सिर्फ कुछ चुनिंदा दिनों में यह बंद रहेगा। इसकी घोषणा पूर्व में कर दी जाएगी।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 नवंबर को कॉरिडोर के उद‌्घाटन के लिए डेरा बाबा नानक पहुंचेंगे, जबकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 9 नवंबर को पाकिस्तान कॉरिडोर शुरू करेंगे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन जाने का कार्यक्रम है।

यह गलियारा भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को करतापुर के गुरुद्वारे से जोड़ेगा जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज चार किलोमीटर दूर है। करतारपुर में गुरुद्वारा पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित है। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने करतारपुर में 18 से अधिक साल बिताए थे।

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