बाल अधिकार संरक्षण आयोग के हस्तक्षेप पर कंपनी ने मानी गलती

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देहरादून: बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य सीमा डोरा ने बुधवार को वैभवी के साथ सारा समूह की कंपनियों के एक कारखाने का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें कंपनी प्रबंधक रवि और ठेकेदार चतुर्वेदी के दुर्व्यवहार के बारे में राबिया, मुस्कान, रोशनी और काजल नामक श्रमिकों से शिकायत मिली। दोनों ने अपनी गलती को स्वीकार कर लिया है और इसे नहीं दोहराने की प्रतिबद्धता जताई है।  नियम के अनुसार अब महिला श्रमिकों से रात की शिफ्ट नहीं ली जाएगी।

डोरा ने कहा कि, आयोग श्रमिकों के साथ किसी भी दुर्व्यवहार को स्वीकार नहीं करेगा और कंपनी को नियमानुसार श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी देनी होगी। सारा ग्रुप ऑफ कंपनीज के एस्टेट मैनेजर आरके शर्मा ने कहा कि, वह सुनिश्चित करेंगे कि सभी समस्याओं का हल हो। डोरा ने कहा कि, बाल श्रम के मामले में आयोग सख्त है और यदि किसी भी कंपनी में बाल श्रम पाया जाता है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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