बागेश्वर में गुलदार का आतंक, तीन बच्चों को बनाया निवाला

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बागेश्वर: जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों आदमखोर गुलदार का आतंक मचा हुआ है। इस साल अब तक गुलदार तीन बच्चों को निवाला बना चुका है। गुलदार के आतंक की लगातार बढ़ रही घटनाओं को देखते हुये शासन ने बागेश्वर वन विभाग से पत्र भेजकर तत्काल गुलदार को नियंत्रित करने का आदेश दिया है। शासन ने कहा है कि गुलदार को पकड़ने की व्यवस्था करें यदि वह पकड़ में नहीं आता है तो उसे मारकर जनता को आंतक से निजात दिलायी जाये।

दरअसल, बागेश्वर जिले के शहरी क्षेत्र के साथ-साथ गरूड़ ब्लॉक में पिछले दो-तीन साल से आदमख़ोर गुलदार का आतंक बढ़ गया है। गुलदार आये दिन किसी ना किसी घर से मवेशियों को निवाला बना रहा है। इस साल की बात करें अभी तक गुलदार तीन बच्चों को अपना शिकार बना चुका है। इससे ग्रामीण घबराये हुये हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिये प्रमुख वन संरक्षक की ओर से बागेश्वर वन विभाग को पत्र मिला है। पत्र के मुताबिक पहले गुलदार को पकड़ने के बाद बेहोश किया जायेगा। यदि वह अधिक खूंकार हुआ या किसी पर जानलेवा हमले की आशंका हुई तो गुलदार को मार दिया जायेगा।

बहरहाल, गुलदार को नियंत्रित करने के आदेश बागेश्वर की जनता के लिये किसी सुकून की खबर से कम नहीं हैं। आतंक ग्रामीण क्षेत्रों में इस कदर छाया हुआ है कि लोग शाम ढलते ही बाहर निकलने से डरने लगे हैं। शहरों में भी अब लोग अपने बच्चों को अलग छोड़ने से घबराने लगे हैं। वनाधिकारी आर के सिंह के हवाले से अपर जिलाधिकारी राहुल गोयल ने बताया कि जल्द ही आदमखोर गुलदार को नियंत्रित कर लिया जायेगा। जिले के गरुड़ ब्लॉक में आतंक का प्रार्य बन चुके गुलदार को हालांकि वन महकमे ने जनता के दबाव में आदमख़ोर घोषित कर दिया है। अब सवाल ये उठता है। क्या ऐसे ही गुलदारों को मारने से समस्या का हल निकल जाएगा ऐसे में ज़रूरत है। वन विभाग ऐसे नियम कानून बनाये नई तकनीकों का इस्तेमाल करे जिससे गुलदार का आतंक भी न हो मासूम बच्चे भी उसका निवाला न बने।

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