आतंकियों के मनसूबे नाकाम, अमरनाथ यात्रियों पर थी हमले की फ़िराक

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सरकार ने जम्‍मू-कश्‍मीर में जारी अमरनाथ यात्रा को रोकने का फैसला यूं ही नहीं ले लिया है। दरअसल, सुरक्षा एजेंसियों को कई ऐसे खुफिया इनपुट मिले थे जिनमें कहा गया था कि पाकिस्‍तान मैं मौजूद जैश-ए-मोहम्‍मद जम्‍मू-कश्‍मीर में कई आतंकी हमलों को अंजाम देने की फिराक में है। खुफिया जानकारी के मुताबिक, पीओके में बैठा जैश सरगना मसूद अजहर का भाई इब्राहिम अजहर जम्‍मू-कश्‍मीर में 15 खूंखार आतंकियों की घुसपैठ कराने की फिराक में है।

समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, इन्‍हीं गंभीर खुफिया जानकारियों के बाद सरकार को किसी भी खतरे से निपटने के लिए घाटी में अतिरिक्‍त सुरक्षा बलों की तैनाती का फैसला लेना पड़ा। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्‍तान के खैबर पख्‍तूनख्‍वा प्रांत के जमरूद इलाके में मौजूद ट्रेनिंग कैंपों से अस्‍करी की ट्रेनिंग लेकर 15 आतंकी जम्‍मू-कश्‍मीर में घुसपैठ के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इन आतंकियों की मदद के लिए पाकिस्‍तानी एसएसजी कमांडो तैनात किए गए थे। आतंकियों के इस समूह की मंशा भारतीय सैनिकों के खिलाफ बैट हमले की थी। यही नहीं इब्राहिम अजहर पीओके में जैश-ए-मोहम्‍मद को चला रहा है। खुफिया इनपुट में कहा गया है कि जैश के 15 आतंकी पीओके के अलग-अलग प्रशिक्षण कैंपों में पहुंच चुके हैं। इब्राहिम अजहर को इन 15 आतंकियों के साथ मरकज, सनान बिन सलमा, तरनब फार्म, पेशावर और खैबर पख्तूनख्वा के अलग अलग आतंकी कैंपों में देखा गया है।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और सेना ने श्रीनगर में कल संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करके बताया था कि आतंकी अमरनाथ यात्रियों पर हमले की फ़िराक में हैं। सुरक्षा बलों ने अमरनाथ यात्रा से हथियार, आइईडी और स्नाइपर राइफल बरामद किया है। सुरक्षा बलों को जो हथियार और गोला बारूद बरामद हुए हैं उनमें पाकिस्तान के आर्डिनेंस फैक्ट्री में बनी एंटी पर्सन माइन भी शामिल है, जो हमले की साजिश में सीधे पाकिस्तानी सेना के शामिल होने का सुबूत दे रही है। कश्मीर घाटी के सुरक्षा हालात को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के हित में तीर्थयात्रियों को घाटी से लौटने के लिए कहा गया है।

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