आपदा पीड़ितों को गाँव जाने के लिए देना पड़ रहा 2600 अतिरिक्त किराया, फिर भी करना पड रहा हफ़्तों इंतजार

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पिथौरागढ़: प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को इन दिनों आपदा में सड़कें टूटने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहाँ व्यास घाटी के गुंजी निवासी विनीता गुंज्याल ने बाताया कि, पिछले 3 दिनों से वे रोज सुबह 6 बजे अपने एक साल के बच्चे शिवाय के साथ आ रही है और शाम के 5 बजे तक हेलीपैड में बैठने के बाद भी उनकी बारी नही आ पा रही है। छोटे बच्चे के साथ काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तो वहीँ बुदि गांव के निवासी हेमन्त  सिंह ने बताया कि,  ग्रिफ के सड़क कटिंग के कारण लखनपुर से नजंग तक लगभग 800 मीटर पुराना पैदल मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाने से सीमांत के 7 गांव के लोगो से मजबूरन हेलीकॉप्टर से 3100 रुपये देकर जाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि, सड़क मार्ग से जहाँ बुदि गांव जाने पर मात्र 500 रुपये ख़र्च होते है, वहीँ उनको रास्ता खराब के कारण 3100 रुपये देने पर भी तीन दिन तक हेलीकॉप्टर का इंतजार करने पर भी अभी तक अपने गांव पहुँचने के कोई आसार नज़र नहीं आते।

हेलीपैड में अपनी बारी का  इन्तजार कर रहे नाबी गांव के सुरेश नबियाल ने कहा कि, यहाँ रोज 100 से ज्यादा लोग गांव जाने के लिये आ रहे हैं, लेकिन  मात्र एक ही हेलीकॉप्टर होने से  एक दिन में मुश्किल से 30 से 40 लोग ही जा पा रहे हैं। यहाँ सीमान्त के सात गांव के प्रधानों ने 2 महीने पहले ही जुलाई, अगस्त और सितम्बर में पूजा-पाठ होने के कारण तहसील प्रशासन के माध्यम से सरकार से 2 हेलीकॉप्टर की मांग की, लेकिन सरकार ने सीमांत की  लोगों की समस्या पर कोई ध्यान नही देने से लोगों में सरकार के प्रति भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि, पैदल मार्ग शीघ्र से शीघ्र ठीक कर दिया जाय, जिससे उन्हे हेलीकॉप्टर से मजबूरन 3100 रुपये देकर जाने की जरूरत ना पड़े। धारचूला  के कल्याण संस्था के अध्यक्ष कृष्णा गर्ब्याल और यूथ फोरम के अध्यक्ष पुरन ग्वाल ने कहा कि, सरकार द्वारा गांव जाने वालों और वापस आने वालों से किराया लेने के विरोध में कल लोक निर्माण विभाग के सभागार से तहसील तक जुलुस निकालते हुए ज्ञापन दिया जायेगा।

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