नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने कैबिनेट में मोबाईल फोन लेकर जाने पर रोक लगा दी है। अहम बैठक के दौरान अब मोबाइल फोन ले जाने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इससे पहले केंद्र सरकार ने कैबिनेट की बैठक के दौरान फोन ले जाने पर पाबंदी लगाई थी, साथ ही कर्नाटक में भी उच्च स्तरीय बैठक के दौरान फोन ले जाने पर पाबंदी लगाई गई। जिसके बाद बिहार में भी होने वाली अहम सरकारी बैठक के दौरान मंत्री अपने साथ मोबाइल फोन नहीं ले जा सकेंगे। यह आदेश मुख्य सचिव, जनरल एडमिनिस्ट्रेशन आमिर सुभानी की ओर से गुरुवार को जारी किया गया है।
आमिर सुभानी ने सचिवालय के तमाम मुख्य सचिवों और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह मीटिंग में शामिल होने के पहले अपना फोन बाहर रखकर आएं। आदेश में कहा गया है कि कई बार ऐसा पाया गया है कि अधिकारी बैठक के दौरान अपने फोन में व्यस्त रहते हैं, जिससे की बैठक को बेहतर तरीके से चलाने में बाधा उत्पन्न होती है। आदेश में यह भी कहा गया है कि सलाह मशविरा के बाद इस बात का फैसला लिया गया है कि उच्च स्तरीय बैठकों में जिसमें मुख्यमंत्री, विभाग के मंत्री, मुख्य सचिव, डेवेलपमेंट कमिश्नर शामिल होंगे, उसमें मोबाइल फोन लाने की अनुमति नहीं होगी।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मोबाइल फोन पर पाबंदी का फैसला कई मौकों पर लिया जा चुका है, सरकार की अहम नीतियों पर चर्चा के दौरान भी मोबाइल फोन पर पाबंदी लगाई जा चुकी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुछ अधिकार ऐसे भी पकड़े गए थे जो बैठक के दौरान व्हाट्सएप मैसेज भेज रहे थे। पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारी कैमरे में गेम खेलते हुए भी कैद हुए थे, कुछ इंटरनेट चलाते। ये तमाम अधिकारी मुख्यमंत्री की बैठक के दौरान 2017 में पकड़े गए थे।
इससे पहले 2016 में प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी इसी तरह का फैसला लिया था और साइबर सिक्योरिटी की चुनौती से बचने के लिए कैबिनेट की बैठक में मोबाइल फोन ले जाने पर पाबंदी लगा दी गई थी। यह फैसला इसलिए लिया गया था ताकि किसी भी तरह की संवेदनशील जानकारी लीक नहीं होने पाए। वहीं जुलाई माह में कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी निर्देश दिया था कि अधिकारी बैठक के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करेंगे।