प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक सलाहकार परिषद (इकनॉमिक अडवाइजरी काउंसिल टु प्राइम मिनिस्टर) EAC-PM का गठन किया है। पीएम की 5 सदस्यीय आर्थिक सलाहकार परिषद में प्रतिष्ठित और श्रेष्ठ अर्थशास्त्रियों को शामिल किया गया है। नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय को परिषद का अध्यक्ष बनाया है।
देबरॉय के अलावा डॉ सुरजीत भल्ला, डॉ रथिन रॉय और डॉ आशिमा गोयल को इसका पार्ट टाइम सदस्य बनाया गया है। इसके अलावा नीति आयोग के सदस्य सचिव रतन वाटल को परिषद प्रधान सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है।
कुछ समय पहले, भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता प्रमुख अर्थव्यवस्था में से एक था लेकिन आंकड़ों के मुताबिक छह तिमाहियों में आर्थिक वृद्धि दर में पहले के मुकाबले गिरावट आई है और विकास दर तीन साल के निम्न स्तर में पहुंच गई है। आर्थिक वृद्धि दर घटकर 5.7 प्रतिशत पर आने के बाद आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन किया गया।
आर्थिक सलाहकार परिषद का मुख्य कार्य प्रधानमंत्री को विभिन्न आर्थिक मामलों में सलाह देना होगा। परिषद प्रधानमंत्री द्वारा सौंपे गये आर्थिक या अन्य संबंधित मुद्दों का विश्लेषण करेगा और उन्हें परामर्श देगा। इसके अलावा आर्थिक महत्व के मुद्दों का समाधान और उसके बारे में अपने विचार से प्रधानमंत्री को अवगत भी कराएगा। परिषद इसके साथ ही प्रधानमंत्री द्वारा समय-समय पर दिये गये अन्य कार्यों को भी देखेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने भले ही अब अर्थव्यवस्था के गिरते स्तर को देखते हुए आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन कर लिया है लेकिन अगर यही कदम पहले उठाया होता तो हम विकास दर के निम्न स्तर पर नहीं पहुंचते। चलिए देर आये दुरुस्त आये।