विद्युत दरों में बढ़ोतरी प्रस्ताव के खिलाफ जनसंघर्ष मोर्चा, आयोग अध्यक्ष से मिलकर की चर्चा

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देहरादून: जनसंघर्ष मोर्चा प्रतिनिधिमण्डल ने मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में ऊर्जा निगम बोर्ड द्वारा प्रस्तावित विद्युत दरों में वृद्धि को लेकर विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष सुभाष कुमार से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। और इसके खिलाफ अपना विरोध जताया। इस दौरान सुभाष कुमार ने प्रतिनिधिमण्डल को उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।

रघुनाथ नेगी ने कहा कि, अभी हाल ही में ऊर्जा निगम बोर्ड, यूपीसीएल ने विद्युत दरों में 13.8 फीसदी बढ़ोत्तरी सम्बन्धी प्रस्ताव पास किया और उक्त प्रस्ताव को विद्युत नियामक आयोग भेजने की बात कही है। उक्त प्रस्ताव पास करने से पहले बोर्ड को अब तक लागू विद्युत दरों एवं फिक्सड चार्जेज़ का संज्ञान लेना चाहिए था, लेकिन आनन-फानन में उक्त प्रस्ताव पास किया गया।

नेगी ने कहा कि, वर्तमान में घरेलू विद्युत दरें 2.65/3.45/4.70/5.40 प्रति यूनिट प्रतिमाह 100 यूनिट के स्लैब पर लागू हैं और फिक्सड चार्जेज़ 55/80 /135/220 रू0 प्रतिमाह है। इसके साथ इस बात से भी अवगत कराया गया कि साल 2017-18 में 100 यूनिट तक प्रतिमाह खपत पर 2.55 रू0 प्रति यूनिट, 200 तक 3.30 रू0, 300 तक 4.50 रू0 और 400 व उससे ऊपर 5.10 रू0 प्रति यूनिट निर्धारित है। इसी कड़ी में फिक्सड चार्जेज़ यूनिट के हिसाब से प्रतिमाह निर्धारित है जो कि 100 यूनिट तक 45 रू0, 200 तक 70, 300 तक 110-135 रू0, 400 तक 180रू0 व 500 यूनिट से ऊपर 210 रू0 निर्धारित है, यानि हर 100 यूनिट पर विद्युत दर व फिक्सड चार्जेंज बदल जाते हैं।

नेगी ने कहा कि एक सामान्य खपत वाले परिवार में 200-300 यूनिट प्रतिमाह खर्च होना लाजिमी है और उपभोक्ता लगभग 3.45-4.70 रू0 की दर से भुगतान कर रहा है। ऐसे में विद्युत मूल्य में बढ़ोत्तरी आमजन को तबाह कर देगी। पूर्व में निर्धारित विद्युत दरें पहले ही आम उपभोक्ता की पहुंच से बहुत अधिक है।

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