वीडियो: हरीश सरकार में घोटाले की बू आने वाले फैसले को त्रिवेंद्र सरकार ने अपनाया,केदार हेली सेवा के मुदे पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में ?

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देहरादूनः आगामी यात्रा सीजन के दौरान होने वाली केदारनाथ हेली सेवा में भाजपा सरकार भी कांग्रेस सरकार की निति का अनुसरण कर रही है. उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण द्वारा हेली सेवा के लिए जारी किए गये टेंडर में इस शर्त को शामिल किया गया कि,जिन कंपनियों के पास तीन हेलीकॉप्टर होंगे वहीं टेंटर के लिए आवेदन कर सकेंगे। प्रदेश सरकार के इस फैसले से सबसे ज्यादा अगर किसी को नुकसान होगा तो वह केदार घाटी के लोगों का होगा।
केदाघाटी के लोगों लिए मुसिबत लेकर आएगी चार धाम यात्रा
2013 में आयी आपदा से अभर रही केदार घाटी के लोगों के लिए इस बार चार धाम यात्रा कि शुरूवात निराशा लेकर आएगी,क्योंकि इस बार त्रिवेंद्र सरकार का वह फैसला केदारघाटी के लोगों के पर भारी पडेंगा जिसके तहत सरकार के द्धारा केदारघाटी में हेली सेवाओं को चलाने के लिए मानक बदल गए है। दरअसल पिछले यात्रा सीजन तक केदारी घाटी में 14 हेली कम्पनियां उडान भर रही थी,लेकिन इस बार मानकों में बदलाव से महज 3 से चार कम्पनियां ही केदार घाटी में उडान भर सकेंगी। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केदारी घाटी में प्रदेश सरकार और डीजीसीए से द्धारा 14 हेलीपैड मान्याता प्राप्त है,लेकिन मानकों में बदलाव के बाद गिन्ती के ही हेली पैड इस यात्रा सीजन में गुलजार होंगे जिससे बंद पडने वाले हेलीपैड से स्थानीय निवासीयों को करारा झटका लगेंगा,क्योंकि केदार घाटी में यात्रा सीजन से करीब हजारों लोग को इन्ही हेलीपैड से रोजगार मुहया होता है। जो इस साल इनसे छिन जाएगा । हेलीपैडों के पास स्थानीय स्तर पर लोग ढाबों, दुकानों, होटलों के साथ टैक्सी व अन्य वाहन संचालक और हेलीपेड पर रोजगार पाने वाले लोग यात्रा सीजन में ही इतनी कमाई कर लेते है कि उनका साल भर का गुजारा आसानी से हो जाता है।
यात्रियों को भी झेलनी होंगी दिक्कते
डबल इंजन की सरकार के द्धारा केदारघाटी में हेली सेवाओं में किए गए मानकों में बदलाव का खामियाजा यात्रियों को भी भुगतना पडेगा,क्योंकि जब यात्रा अपने चरम पर होगी और 14 हेलीपैड के जगह जब गिने चुने हेलीपैडों से मजह 3 से 4 कम्पनियों के हेलीकॉप्टर उडान भरेंगे तो यात्रियों को हैली से केदारनाथ पहुंचने के लिए कॉफी जदोजहद करने पडेगी,क्योंकि पूर्व में जब 14 हेलीपैड से हेलीकॉप्टर उडान भरते थे तो उस समय भी यात्रियों को हेलीकॉप्टर में सीट मिलने के लिए कॉफी इंतजार कराना पडता था। और अब जब सीमित हेलीकॉप्टर ही केदारघाटी में उडान भरेंगे तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस साल यात्रियों को हेलीकॉप्टर से केदार पहुंचने के लिए कॉफी सारी दिक्कतों का सामना करना पडेगा।

डबल इंजन की सरकार ने दिया हेली कम्पनियों को जोर का झटका
उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार जहां पूरे हर्षो – उल्लास के साथ अपने एक साल का कार्यकाल पूरा करने का जश्न मानते हुए बजट सत्र के लिए गैरसैंण पहुंच गई है,वहीं केदार घाटी में अब तक उडान भरने वाली हेली कम्पनियों को डबल इंजन की सरकार ने ऐसा झटका दिया है जिससे कई हेलीकॉप्टर इस साल जंक लगने के आसार है, इससे नाराज हेली मालिक प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध करने के लिए एकजुट हो रहे है।
हरीश सरकार की राह पर त्रिवेंद्र रावत
पूर्व सीएम हरीश रावत के द्धारा लिए गए कई निर्णयों को जहां सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सत्ता में आने के बाद बदला है,वहीं केदार घाटी में कुछ विशेष कम्पनियों को फायदा पहुंचाने के लिए हरीश रावत के निर्णय का ही त्रिवेंद्र रावत अनुसरण कर रहे है,क्योंकि केदारघाटी में कुछ विशेष कम्पनियों को ही उडान भरने का खेल हरीश रावत ने खेला था,लेकिन पिछले साल सत्ता बदने के बाद हेली कम्पनियों के विरोध के बाद त्रिवेंद्र सरकार ने फैसला बदलते हुए सभी कम्पनियों को उडान भरने का मौका तो दे दिया था,लेकिन इस बार त्रिवेंद्र सरकार ने वहीं फरमुला हैली सेवाओं के संचालन के लिए लिया है जो हरीश सरकार ने अपनाया था। खास बात ये है कि जब प्रदेश में हरीश रावत की सरकार थी तब त्रिवेंद्र रावत ने इस फैसले से घोटाले की बू आने की बात कही थी,लेकिन अब किसी तरह की कोई गडबडझाल सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को नजर नहीं आ रहा है।
विपक्ष में रहते बीजेपी ने बनाया था मुदा
इस सम्बन्ध में कई ऑपरेटरों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को पत्र भेजकर टेंडर को सभी ऑपरेटरों के लिए खुला रखने की मांग की है. ऑपरेटरों ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव में केदारनाथ हेली सेवा को चुनावी मुद्दा भी बनाया था, लेकिन अब हेली सेवाओं को लेकर पुनः पहले की कांग्रेस सरकार में बनी एकाधिकार की नीति को ही लागू किया जा रहा है. ऐसे में यदि पहले की नीति लागू होती है तो उससे केदारघाटी में हेली सेवाओं का संचालन कर रही कंपनियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को भी नुकसान होगा. ऑपरेटरों ने कहा कि केदारघाटी में 14 हेलीपैड बने हैं जो डीजीसीए के मानकों के अनुरूप है. इनके आस-पास कई होटल और ढाबे हैं इनसे जुड़े परिवारों के रोजगार का जरिया चार धाम के दौरान इन हेलीपैड पर उतरने वाले श्रद्धालुओं ही है।
सरकार से अभी भी उम्मींदे
त्रिवेंद्र सरकार से अभी भी हेली ऑपरेटरों को उम्मीदे है कि सरकार ने जो टेंडर जारी किया है उसे सरकार बदलेगी और केदार घाटी वासियों के लिए रोजगार का रास्ता अपनाते हुए,सभी हेली ऑपरेटरों को यात्रा के दौरान उडान भरने का मौका देगी,ऐसे में देखना ये होगा कि आखिरकार पूरे मामले पर सीएम क्या कुछ रूख अपनाते है।

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