VIDEO: 6 दिन बाद पहुंची डीएम, बोली मामला बड़ा गंभीर है, मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश

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बागेश्वर: बागेश्वर जनपद के कपकोट ब्लॉक व तहसील के दूरस्थ गांव बास्ती में छः दिन पहले शादी समारोह के बाद फूड प्वाइजनिंग के शिकार हुये ग्रामीणों का हालचाल जानने जिलाधिकारी रंजना राजगुरू कांडा तहसील के बस्ती ग्राम घटना स्थल पर पहुंची। इस दौरान उन्होंने मौके पर जाकर ख़ुद ग्रामीणों से बातचीत कर हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

उन्होंने जिले में जिन अस्पतालों में इस घटना से संबंधित मरीजों का ईलाज चल रहा है, वहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मरीजों की सभी दवायें और रक्त के सभी टैस्ट निशुल्क करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मामला बड़ा गंभीर है और पूरे मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि जाँच के बाद ही घटना के कारणों का पता चल पाएगा।

वहीँ स्वास्थ्य विभाग के आकड़ो  के अनुसार अब तक  बास्ती और गडेरा सहित आसपास के करीब 250 से अधिक फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो चुके हैं।  अबतक क़रीब 102 मरीज़ों को विभिन्न अस्पतालों से घर के लिये डिस्चार्ज कर दिया गया है। वर और वधु दोनों के ग्रामों में डॉक्टरों की इस्पेसल टीमें घर जाकर रूटीन चेकअप किया जा रहा है। जिला प्रशासन लगातार मोनेट्रिंग  बनाए रखे हुए है।

गौरतलब है कि 30 नवंबर को कपकोट ब्लॉक के गडेरा गांव से हरीश सिंह के पुत्र की बारात कांडा तहसील के बास्ती गांव में गई थी। दोपहर में बारातियों समेत घरातियों ने बने भोजन में दाल, चावल, गडेरी, रायता खाया। सायं होते ही बारात जब वापस कपकोट तहसील के गडेरा गांव आई तो कई बारातियों का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा। वहीं कन्या पक्ष कांडा तहसील के बास्ती गांव में भी दर्जनों ग्रामीण फूड प्वाइजनिंग की चपेट में आ गए। उल्टी, दस्त होने पर गडेरा के ग्रामीणों कोकपकोट के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया तथा कांडा तहसील बास्ती के ग्रामीणों को तत्काल कांडा अस्पताल व् पिथौड़ागढ़ तहसील के बेरीनाग सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया। डाक्टरों ने बताया कि सभी लोग फूड प्वाइजनिंग की चपेट में आ गए हैं। इसी शादी में खुद दूल्हा -दुल्हन इसकी जद मी आ गए वहीँ शादी में शिरकत करने   गए कपकोट के पूर्व विधायक ललित फस्वार्ण और जिला पंचयत अध्यक्ष  के गनर भी इसकी चपेट में आ गए थे जिनका ईलाज हलद्वानी के एक निजी अस्पताल में चल रहा है।  आपको बता दें कि अब तक फूड प्वाइजनिंग से चार लेागों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। जिसमें दो बच्चे दो महिला शामिल है।

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