उत्तराखंड में सोमवार से गढ़वाली भाषा को मिलेगी अलग पहचान,बनेगी स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा

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देहरादून: प्रदेश में गढ़वाली भाषा को सोमवार से एक अलग पहचान मिलने जा रही है। उत्तराखंड के प्राथमिक विद्यालयों में अब गढ़वाली स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बन जाएगी। प्रथम चरण में सोमवार से इसकी शुरुआत पौड़ी जिले के पौड़ी ब्लॉक से हो रही है। प्रदेश में इस पहल की सराहना की जा रही है ।

जानकारी के अनुसार पौड़ी ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों की गढ़वाली भाषा पाठ्यक्रम को लेकर जिला मुख्यालय पौड़ी स्थित शिक्षा संकुल में कार्यशाला आयोजित हुई। इस दौरान पौड़ी ब्लॉक के विद्यालयों से शुरू हो रहे गढ़वाली पाठ्यक्रम को लेकर शिक्षकों से राय-मशविरा भी किया गया। प्रतिभागी शिक्षकों ने पाठ्यक्रम की सराहना करते हुए इसे गढ़वाली भाषा के संरक्षण के लिए अहम बताया।इसके लिए गढ़वाली भाषा के विषय-विशेषज्ञों ने पाठ्यक्रम तैयार कर इसे ब्लॉक के सरकारी और निजी विद्यालयों के शिक्षकों को वितरित कर दिया है।

गौरतलब है कि जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल की पहल पर विषय-विशेषज्ञ जनवरी से गढ़वाली भाषा पाठयक्रम को तैयार करने में जुटे थे। गढ़वाल कमिश्नरी की गोल्डन जुबली के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पाठ्य पुस्तक का विमोचन करते हुए न केवल इस पहल की सराहा था, बल्कि जिले के सभी विद्यालयों में इसे लागू करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए थे।

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