उत्तराखण्ड में भी प्रकट होते है बाबा बर्फानी, सिर्फ 10 दिन के लिए होते हैं दर्शन

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देहरादून: अमरनाथ की भांति देवभूमि उत्तराखंड में भी एक गुफा में बर्फानी बाबा विराजमान हैं। यह चमोली जिले में जोशीमठ से 100 किलोमीटर दूर भारत-चीन सीमा पर स्थित अंतिम गांव नीती से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस नीती महादेव मंदिर की यहाँ स्थानीय लोगों में बहुत मान्यता है।

चमोली जिले  नीती महादेव मोटर सड़क से केवल 1 किमी की दूरी पर है। लेकिन मंदिर को ज्यादा पहचान न मिलने के कारण यहां दर्शकों की भीड़ देखने को नहीं मिलती है। यदि अधिक तीर्थ यात्रा इससे अधिक होगी तो जोशीमठ तक बढ़ाया जा सकता है। तो इस साल 1 मार्च से 10 मार्च तक बारफानी बाबा जाने के लिए तैयार रहें।

अब तक आपनो जम्मू-कश्मीर के अमरनाथ में बर्फ से शिवलिंग की आकृति बनने की बात सुनी होगी, लेकिन ये जानकर आपको हैरानी होगी कि उत्तराखंड के चमोली जिले के सीमावर्ती गांव नीति में भी बाबा बर्फानी आकृति इसी तरह बनती है। ऐसा आज से नहीं बल्कि वर्षों से होता आ रहा है, लेकिन इस स्थान को पर्यटन के मानचित्र पर पहचान न मिलने के कारण आज भी बहुत कम लोग इसके बारे में जानते हैं।

बता दें कि यह स्थान चमोली जिले में भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र के नीती गांव के समीर स्थित टिम्मरसैंण महादेव गुफा के नाम से जाना जाता है। यहां पर हर वर्ष शीतकाल में बर्फ का करीब 10 फुट ऊंचाई का शिवलिंग प्रकट होता है। यह मंदिर 10 दिन के लिए दर्शन के लिए खोला जाता है। बता दें कि इस साल 1 मार्च से 10 मार्च तक बारफानी बाबा जाने के लिए तैयार हैं। इस मंदिर का प्रचार-प्रसार न होने के चलते यहां कुछ स्थानीय लोगों के अलावा कोई भी नहीं पहुंच पाता है। यदि सरकार की ओर से पहल की जाती है को नीति घाटी में शीतकालीन पर्यटन को लेकर अपार संभावनाएं हो सकती है। बता दें कि यहां कम से कम 200 लोगों के रहने की व्यवस्था हो सकती है।

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