‘उत्तराखंड क भाई-बहनों तैं मेरू सादर नमस्कार..’ से किया मोदी ने संबोधन शुरू

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रुद्रपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुद्रपुर में रैली में उत्तराखंड को हर तरह से साधने का प्रयास किया। सबसे पहले उन्होंने मोदी ने गढ़वाली में कहा, उत्तराखंड क भाई बहनों तैं मेरू सादर नमस्कार। देवभूमि क करोड़ो लोगों कु आशीर्वाद मेरे साथ छ। उन्होंने जहां सेना की बात की। वहीं, उन्होंने राज्य निर्माण को लेकर पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के बहाने लोगों को भावनाओं को छूने का प्रयास किया। पीएम मोदी ने सरकार की उलब्धियां गिनाई। कहा कि 2022 तक इस देश में कोई परिवार पक्के घर के बिना नहीं रहेगा। इतिहास में पहली बार सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है। ये तमाम काम अगर हुए हैं तो इसके पीछे आपका एक वोट है। खास बात यह रही कि उन्होंने कहा कि उत्तराखंड चार धामों के अलावा सैनिक धाम भी है।
कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने जो काम देश के जवानों के साथ किया। वही सलूक किसान और गरीबों के साथ किया। चार पीढ़ी पहले गरीबी हटाने का वादा कांग्रेस ने किया था, वही वादा इस बार भी कांग्रेस दोहरा रही है। उन्होंने कहा कि जब तक कांग्रेस रहेगी, देश के हर कोने में गरीबी रहेगी। पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड सैनिक धाम है। विपक्ष ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए। डरने और झुकने का काम कांग्रेस का है। सेना ने जवानों की मौत का बदला मांगा तो कांग्रेस ने सेनाध्यक्ष को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। देश की सेना को कांग्रेस ने हथियार नहीं दिए। क्योंकि कांग्रेस का ध्यान देश सुरक्षा की बजाए मलाई खाने में लगा था।
उन्होंने कहा कि सपूतों वाली पार्टी वीरों की वीरता का सबूत मांगती है। इस दौरान उन्होंने विपक्ष ने आड़े हाथ लिया। विपक्ष की ओर से लगातार वीर सैनिकों को अपमानित किया जा रहा है। इस दौरान मोदी ने रैली में मौजूद लोगों से पूछा कि यहां के युवाओं को पलायन करने के लिए मजबूर किसने किया था? घोटाले किसने किए थे? बर्बादी कौन लाया था? उत्तराखंड के गांवों को सड़कों से वंचित रखने वाले कौन थे? उन्होंने पूछा कि क्या ऐसी कांग्रेस पार्टी को मौका मिलना चाहिए। ऐसे झूठे और वादाखिलाफी करने वाले लोगों को सजा मिलनी चाहिए या नहीं? उन्होंने कहा कि 11 अप्रैल को बटन दबाकर सजा देंगे क्या?। प्रधानमंत्री बनने के बाद मैंने उत्तराखंड के कोने-कोने तक विकास पहुंचाने का संकल्प लिया था। लेकिन कांग्रेस ने मेरे तमाम प्रयासों में अड़ेंगे लगाए थे। तब राज्य की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री का काम केवल दिल्ली कांग्रेस दरबार में हाजिरी लगाने का था।

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