ट्राई के अध्यक्ष आर.एस शर्मा का आधार नंबर किया डीकोड !

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देहरादून : आधार कार्ड सुरक्षित है या नहीं। इसको लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। कांग्रेस शासनकाल में आधार को अनिवार्य किया गया था। तब भाजपा ने इसे देश के लिए खतरा बताया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद भाजपा ने आधार को अनिवार्य कर दिया। भारतीय संचार नियामक आयोग (ट्राई) के अध्यक्ष आर.एस शर्मा ने ट्वीटर पर अपना आधार नंबर डालकर ओपन चैलेंज दिया था। उनके चैलेंज देते ही फ्रांस के साइबर एक्सपर्ट इलियल एंडरसन ने कुछ ही समय बाद आर.एस शर्मा के आधार नंबर को डीकोड करने का दावा करते हुए उनके आधार में दी गई जानकारियों के स्क्रीन शाॅट ट्वीटर पर सार्वजनिक कर दिए। उनका दावा है कि आधार कार्ड सुरक्षित नहीं है। उन्होंने पीएम मोदी को भी आधार नंबर सार्वजनिक करने की चुनौती दी है। एंडरसन ने कहा कि इसे डीकोड किया जा सकता है। हालांकि ट्राई ने इसे गलत करार दिया है। ट्राई की मानें तो ऐसा करना संभव नहीं है।

अगर एंडरसन के दावे को ट्राई झूठा करार दे रहा है, तो उनको सही बात भी बतानी चाहिए। एंडरसन के दावे को झूठा नहीं का जा सकता। उन्होंने ट्राई के अध्यक्ष की पत्नि, बेटी और उनकी फोटो को भी ट्वीट पर सार्वजनिक किया है। इतना ही नहीं एंडरसन ने आर.एस शर्मा का पेन कार्ड, मेल, फोन नंबर, मोबाइल भी सार्वजनिक कर दिये। अगर इसे गलत भी माना लिया जाए, तब भी इस मामले की जांच की कराई जानी चाहिए।
सरकार को देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। एंडरसन ने जिस तरह से दावा किया है। उससे एक बात तो तय है कि आधार को डीकोड किया जा सकता है। एंडरसन को कोडों को डीकोड करने में विशेषज्ञयता हासिल है। वो पहले भी कई तरह के गंभीर कोडों को डीकोड कर चुके हैं। उनकी बात को हल्के में बिल्कुल भी नहीं लिया जा सकता।
यह कोई पहला मामला नहीं है, जब आधार को डीकोड करने और जानकारी सार्वजनिक करने की बात सामने आई हो। इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। सवाल यह है कि जब इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, फिर सरकार इस पर गंभीरता से क्यों नहीं कुछ कर रही। एंडरसन की बात को ध्यान में रखते हुए इस बात की जांच की जानी चाहिए।  क्या सरकार को नहीं लगता कि यह गंभीर खतरा है और राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।

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