शातिर ठग गैंग को पुलिस ने दबोचा, फर्जी मूर्ति से लगाते थे लोगों को चुना

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देहरादून : दून पुलिस ने प्राचीन काल की फर्जी मूर्तियों को बेच ठगी करने वाले हरियाणा के एक गैंग को दबोचा है। शातिर ठग फर्जी मूर्तियों की आड़ में दून निवासी एक युवक से पहले ही हजारों रूपये हड़प चुके है। गैंग लम्बे समय से ऐसी ठगी को अंजाम दे रहा था। पुलिस ने गैंग के पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर एक अष्टधातू की हीरे जडित प्राचीन मूर्ति, एक कार (HR05AT7558) और 40 हजार रूपये नगद बरामद किये। आरोपी युवक साधारण मुर्ति को प्राचीन काल की असाधारण मूर्ति (एन्टीक पीस ) बताकर व उसके बारे में बढ़ाचढ़ाकर बाते बनाना व बेशकीमती बताकर लोगों को प्रलोभित कर ठगी करते थे।

बीते रविवार को प्रेमनगर निवासी वेद कुमार पुत्र शाम लाल ने प्रेमनगर थाने में सूचना दी थी कि 6-7 दिन पहले सहारनपुर  निवासी  मुमताज नाम का व्यक्ति ने कहा था कि उसके दोस्त खुराना, जो करनाल में रहता है, उसके पास एक प्राचीन काल की अष्टधातू (एन्टीक पीस) की मूर्ति है, जिसकी कीमत लगभग 25 करोड रुपये है।

पुलिस ने बताया कि मुमताज ने वेद कुमार को 25 करोड़ वाली मूर्ति 4 करोड़ में दिलवाने और मूर्ति के वेरिफाई सर्टिफिकेट देने का लालच दिया। वेद कुमार ने मुमताज के झांसे में आकर बतौर एंडवास 50 हजार रुपए दे दिए। वेद कुमार ने पुलिस को बताया कि बीते रविवार को मुमताज अपने चार साथियों के साथ आया और एक शिव परिवार की मूर्ति दिखाने लगा। वेद कुमार के मूर्ति के कागजात मांगने पर वो बहानेबाजी करने लगा।

आरोपियों की इस बहानेबाजी व जल्दबाजी पर वेद कुमार को शक होने पर उनहोंने पुलिस को सूचना दी। वेद कुमार की सूचना पर प्रेमनगर पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

आरोपियों की पहचान सूरज प्रकाश पुत्र खेमचंद निवासी सदर बाजार करनाल हरियाणा, सचिन पुत्र दर्शनलाल निवासी हंसी चौक, करनाल हरियाणा, मुमताज पुत्र फाना निवासी ग्राम रसूलपुरा,सहारनपुर, उत्तरप्रदेश, बलवान पुत्र जयप्रकाश निवासी किशनपुरा, हरियाणा, सुमित गुप्ता पुत्र जयपाल निवासी ग्राम निसिंग, करनाल, हरियाणा के रूप में हुई है।

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