स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर संदेश जारी कर सीएम ने गिनाई सरकार की उपलब्धियां

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देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सभी प्रदेशवासियों को आजादी की 71 वीं वर्षगांठ की बधाई दी है। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए देश के सैन्य बलों, अर्द्धसैन्य बलों, आंतरिक सुरक्षा में लगे अन्य बलों के साथ-साथ पुलिस के जवानों और अधिकारियों को भी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आंदोलन के सभी ज्ञात-अज्ञात अमर शहीदों का भी इस अवसर पर श्रद्धापूर्वक स्मरण किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि पिछले 70 साल में भारतवर्ष ने एक लंबा रास्ता तय किया है। अब हमें आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के न्यू इंडिया के सपने को साकार करना है। न्यू इंडिया में उत्तराखण्ड की भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए हम पिछले करीब डेढ़ साल में मन वचन कर्म से इस राज्य की सेवा में लगे हैं। उन्होंने कहा कि जिस दिन से हमारी सरकार बनी हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर सख्ती से अमल किया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में हुए एनएच-74 भूमि मुआवजा घोटाले की एसआईटी जांच करवाई। इस घोटाले में लिप्त 22 लोग जेल पहुंच चुके है, इसके अलावा छात्रवृत्ति घोटाला, टीचर भर्ती घोटाला, खाद्यान्न घोटाला और सिडकुल घोटाले की जांच भी निष्पक्षता से चल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी प्रति व्यक्ति आय में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 16,177 रूपए का इजाफा हुआ है। आर्थिक विकास की दर में भी बढ़ोतरी हुई है। आय संबंधी हमारा औसत राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। सीएम ने कहा कि हर न्यायपंचायत स्तर पर ग्रोथ सेंटर की परिकल्पना की है। अब तक राज्य में 103 ग्रोथ सेंटर लीड प्रोडक्ट के साथ चिह्नित कर लिए है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खरीफ की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक वृद्धि करके किसान भाइयों को बड़ा तोहफा दिया है। इसका सीधा फायदा उत्तराखंड के हजारों किसानों को भी मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑल वेदर रोड़ का कार्य तेजी से चल रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग पर काम शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा युवाओं को उचित प्लेटफार्म उपलब्ध करवाने के लिए ‘स्टार्ट अप पॉलिसी’ लाई गई है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य वर्ष 2020 तक 200 स्टार्टअप शुरू करने का है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई चुनौतियों को पार पाने की कोशिश की गई है। हमने करीब एक हजार डॉक्टरों की तैनाती की है, इनमें से ज्यादातर डॉक्टरों को पर्वतीय क्षेत्रों में भेजा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार चारधाम और हेमकुण्ड साहिब के दर्शन के लिए रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु आए हैं। प्रदेश के चुनिंदा स्थानों तक केंद्रित रहे पर्यटन को गांव-गांव तक पहुंचाया है। वर्ष 2020 तक 5 हजार होम स्टे बनाने जा रहे हैं। पर्यटन को उद्योग का दर्जा देकर सम्भावनाओं के नये दरवाजे खोले हैं। 13 जिलों में 13 नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करने पर काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि शूटिंग के लिये ली जाने वाली फीस को माफ कर दिया गया है। फिल्मकारों को सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम से शूटिंग की इजाजत मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को सशक्त किए बिना हम एक समृद्ध उत्तराखंड की कल्पना पूरी नहीं कर सकते। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत बालिकाओं को जन्म देने वाली माताओं को वैष्णवी किट दी गई हैं। ‘स्पर्श योजना’ के तहत बहुत ही कम मूल्य पर बालिकाओं को सैनेटरी पैड उपलब्ध कराये जा रहे हैं।

देवभोग प्रसाद योजना के जरिए महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रहे हैं। बद्रीनाथ की महिलाओं ने पिछले वर्ष 19 लाख का प्रसाद बेचकर 10 लाख रुपए का शुद्ध मुनाफा कमाया और इस बार अकेले केदारनाथ में 1 करोड़ का प्रसाद महिलाओं द्वारा बेचा गया है। देहरादून में रिस्पना नदी व अल्मोड़ा में कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए जन-अभियान प्रारम्भ किया है।  पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए 1 अगस्त से प्रदेशभर में पॉलीथीन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। उम्मीद है कि जिस तरह का जनसहयोग मिशन रिस्पना में मिला, पॉलीथीन प्रयोग न करने की मुहिम में भी प्रदेशवासी साथ देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के वित्तीय प्रबंधन को सुधारने पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसका नतीजा यह है कि 2018-19 की पहली तिमाही में पिछले वर्ष की तुलना में स्टाम्प व पंजीकरण शुल्क में ही लगभग 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। इसी तरह वन विभाग की मद में 74 प्रतिशत, खनन के राजस्व में 90 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई हैमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। किसी भी आपदा के समय हमारे रेस्पोंस समय में काफी सुधार हुआ है। आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए, मकान व दुकान की क्षति पर मुख्यमंत्री राहत कोष से 1-1 लाख रूपए की अतिरिक्त सहायता राशि दी जा रही है।

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