एससी-एसटी एक्ट को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 180 दिनों के अंदर अपील की बाध्यता ख़त्म

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इलाहबाद: एससी-एसटी एक्ट को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने 180 दिनों के अंदर अपील की जाने की समय सीमा को खत्म कर दिया है। जिससे अब एससी एसटी एक्ट के तहत निचली अदालत के फैसले के खिलाफ 180 दिनों के बाद भी हाईकोर्ट में अपील की जा सकेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धारा 14 A (3) की उप धारा 2 को असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द कर दिया है।

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में एससी एसटी के इस नियम को लेकर हाईकोर्ट की फुल बेंच सुनवाई कर रही थी। जिसमें एससी एसटी एक्ट में विशेष कोर्ट के किसी आदेश के खिलाफ 180 दिन के अंदर ही अपील करने के नियम को चैलेंज किया गया था। हाईकोर्ट ने इसी पर सुनवाई करते हुए इस नियम को संविधान में दिए मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 14 व 21) के विपरीत होने के कारण रद्द कर दिया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट की संशोधित धारा 14 A (3) की उपधारा 2 के तहत बने नये नियम को स्वतः संज्ञान लिया था और इसके लिए तीन सदस्यीय पूर्ण पीठ में सुनवाई शुरू की। इसी बीच इसी मामले पर एडवोकेट विष्णु बिहारी तिवारी समेत कई लोगों ने पीआईएल दाखिल की तो मामले पर संवैधानिक बहस शुरू हुई। जिस पर सुनवाई सुनवाई पूरी करते हुये चीफ जस्टिस डीबी भोंसले, जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस यशवंत वर्मा की पूर्ण पीठ ने बड़ा फैसला सुनाया और धारा 14 A (3) की उपधारा 2 को असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द कर दिया है।
एससी-एसटी एक्ट 1989 (अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम) में 26 जनवरी साल 2016 को संशोधन कर पीड़ित और आरोपी समेत सभी पक्षों को अपील करने का मौका दिया गया। इसके लिए एक्ट की धारा 14 A (3) की उपधारा 2 के तहत अपील करने का नियम बनाया गया। जिसके अनुसार कोई भी पक्ष आपराधिक मामले में निचली या एससी एसटी के मुकदमों के लिए गठित स्पेशल कोर्ट के किसी भी फैसले के खिलाफ सिर्फ 90 दिनों के अंदर ही अपील कर सकता है और 90 दिनों में अपील न कर पाने पर अगले 90 दिनों में वजह के ठोस आधार और माफी के साथ हाईकोर्ट में अपील की जा सकती थी।

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